दीघ - निकाय | Deegh Nikay

Deegh Nikay by भिक्षु जगदीश काश्यप - Bhikshu Jagdish Kashyapराहुल सांकृत्यायन - Rahul Sankrityayan

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भिक्षु जगदीश काश्यप - Bhikshu Jagdish Kashyap

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राहुल सांकृत्यायन - Rahul Sankrityayan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सुत्त ( > सूत्र) विषय-सूची १-सीलक्खन्घ वग्ग ?-(#) बह्मजाल-सुत्त ? १-एसाधारण बातें २ (१) आरम्भिक शील थ् (२) मध्यम दील द- (३) महाशील ् २-रअसाधारण बातें ५ ( बासठ दाशनिक मत ) (१) आदिके सम्बन्धकी १८ धारणाये ५ १--दाइवतवाद ६ २--नित्यता-अनित्यतावाद ७७ ३--सान्त-अनन्तवाद ८ '४--ुअमराविक्षेपवाद ९ ५--अकारणवाद १० (२) अन्तके सम्बन्धकी ४४ धारणायें ११ ६--मरणान्तर होशवाला आत्मा ११ ७--मरणान्तर बेहोदा आत्मा श्२ ८--मरणान्तर न होश न बेहोश आत्मा १२ ९--आत्माका उच्छद श्र १०--इसी जन्ममें निर्वाण श्दे २-९) सामग्जफल-सुत्त कि उ १--छे तीर्थकरोंका मत १९ (१) पूर्ण काइयपका मत ( अक्रियवाद ) १९ (२) मकक्‍्खलि गोसालका मत (देववाद ) २० (३) अजित केश कम्बलका मत (जडवाद ) २० (४) प्रकघ कात्यायनका मत (अकृततावाद ) (५) निगण्ठ नाथपुत्तका मत (चातुर्याम संवर ) (६) संजय वेलदट्रिपुत्तकता मत (अनिद्चितता वाद) २-भिक्षु होनेका प्रत्यक्ष फल १--शील (१) आुरम्भिक छील (२) मध्यम शील (३) महाशील (४) इन्द्रियोंका संयम (५) स्मृति सम्प्रजन्य (६) सन्तोष र-एसमाधि (१) प्रथम ध्यान (२) द्वितीय ध्यान (३) तृतीय ध्यान (४) चतुथें ध्यान ३--प्रज्ञा (१) ज्ञान (२) मनोमय शरीरका निर्माण (२३) ऋद्धियाँ (४) दिव्यश्रोत्र (५) परचित्तज्ञान (६) पुर्वेजन्मोंका स्मरण (७) दिव्य चक्षु (८) दुःख क्षय र-(२,) अम्बद्-सुत्त १--अम्बट्टका शाक्यों पर आक्षेप रश र्१ श्र र्र्‌ र्ढ रद २ २६८ २७ २७ २७ २८ २८ रद २९ २९ ३० ३० ३० ३० देश दे? देश देर ३२ ३६ रे५




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