देवसिया राय प्रतिक्रमण सूत्र | Devasia Raia Pratikraman Sutra
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1.53 MB
कुल पष्ठ :
100
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१७ श्री पाधनाथ प्रभु के गुणोंरुप यह छूत्र श्री भद्रवाहु स्वामी का रचा इुआ है। यह सब विघ्नों का नाश करनेवाला है । १८ जयवीराय महाप्राथना छू जय वीयराय जय गुरू होउ मम तुह पपरमावओ भय भव-निव्वेओ मरगा- श्णुतारिआ इइ-फल-सिद्धी शो लोग-विरुद्-चाओ गुरू-जण-एूआ परत्थ-करणं च । सुदद-णरु-जोगो तब्वयण- सेवणा सा चारिज्जइ जइ थि नियाण- वेधण वीय-राय तुद्द समये । तह दि मम हुज्ज सेवा भवे भवे तुम्ह चढणाएं ॥३॥ टुक्ख-क्खओ कम्म-क्खओ समाहि-मरण च वोहिन्लाभो चर
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