देवसिया राय प्रतिक्रमण सूत्र | Devasia Raia Pratikraman Sutra

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Devasia Raia Pratikraman Sutra by

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१७ श्री पाधनाथ प्रभु के गुणोंरुप यह छूत्र श्री भद्रवाहु स्वामी का रचा इुआ है। यह सब विघ्नों का नाश करनेवाला है । १८ जयवीराय महाप्राथना छू जय वीयराय जय गुरू होउ मम तुह पपरमावओ भय भव-निव्वेओ मरगा- श्णुतारिआ इइ-फल-सिद्धी शो लोग-विरुद्-चाओ गुरू-जण-एूआ परत्थ-करणं च । सुदद-णरु-जोगो तब्वयण- सेवणा सा चारिज्जइ जइ थि नियाण- वेधण वीय-राय तुद्द समये । तह दि मम हुज्ज सेवा भवे भवे तुम्ह चढणाएं ॥३॥ टुक्ख-क्खओ कम्म-क्खओ समाहि-मरण च वोहिन्लाभो चर




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