भारतीय संस्कृति की कहानी | Bhaaratiiy Snskriti Kii Kahaanii
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
94
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)भारतीय संस्कृति को कहानी दा री
लपेंट लेते हैं। नदी की सतह पर बहती लकड़ी को देख उस
पर बेठकर बहने लगते हैं, मछली मारकर श्राहार भी करते
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_ बहुती लकड़ी पर बेठकर बहने लगते हैं
_ हैं। उन्हें एक प्रकार का सालाना कलेंडर या. ऋतुप्रों
का एक के बाद एक कर लौटना भो मालम है । जंगलों श्राग
में जले जानवरों का मांस खाकर सीख लेते हैं कि उन्हें
भनकर खाना उयादा स्वादिष्ट है । स्वयं जलाकर श्राग का
इस्तेमाल भी सोख लेते हैं । यह पुराने पत्थर का यग है,
जब ताँबा, लोहा वगरह धातुग्रों का इस्तेमाल इन्सान को
नहीं मालम था, वह केवल पत्थर का ही इस्तेमाल करता
था। ऐसे श्रादमियों को शिकार करती हुई तस्वीरें मिर्जापुर
को गुफाश्रों में पाई गई हैं ।
जमाना बदलता है। श्रादमी श्रपने हथियार चिकने
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