पूज्यश्री श्रीलाल जी महाराज का जीवनचरित्र | Pujyashree Shrilalji Maharaj Ka Jivancharitra
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
21 MB
कुल पष्ठ :
712
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(१४१)
लेकिन इसी विष॑यर्म वे हमारे प्रयास को देखकर वे भाई साइब ने
'झपना संमरद हमें देदिया और इमारे कार्य में सददाचुभूति दिखारें,
चनकी इस सहद्यत्ता ऊपर कृतज्ञता प्रगट करत हमें इषे होता हे ।
इस कार्यमें भाई श्री कबेरचन्द जादवजी कामदार की दमें
सद्दायता नद्दीं मिन्नठी तो इस कार्य की सफलता शायद्द्दी दोती,
वे भाई शरीर तथा परिवार की परवाह नहीं करते हमें दी हुई सद्दा-
यता की अदिज्ञा को पालने में और इस चरित्र को छाकपक बनाने
में जो श्ात्म भाग दिये हैं उस आात्मभोाग. से हम रन्दें अपनी
साथंक्रता में भागीदार तरीके जाहिर कर इस पुस्तक में उनके नाम
जोड़ने में झानन्द मानते हैं। . क
पूज्य श्री के परभ अनुरागी शतावधानी परिडित मद्दाराज श्री
रन्चन्द्रज्नी स्वामी तथा 'और सुनि मद्दाराजों ने पुस्तक को सुशो-
मित कंरने में जो अ्षम उठाये हैं उन मुनिराजों के तथा हमारे मुख्ब्यी
श्री श्रीमान् कोठारीजी श्री बलवन्तथिंदनी साइन वगैरह शुभच्छुछो
ने उपयोगी सलाद देकर इमारा प्रयास सरल बनाये हैं उन समभों
मेरे पर परम उपकार हैं ।
साचरों में श्रष्ठ शीघ्र कचिवर भ्रीयुत .श्रीनदानालालनी दू्पतराम
मू. ए, ने इस पुस्तक का उपोद्घात लिखने की कुपाकर पुस्तक
दो विशेष पचित्र बनाई दे इस उपकार' का नोध लेते हमें परम
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