जैन तीर्थ यात्रा | Jain Tirth Yatra
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
323
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( १४. )
हे जिस के पियेजाने से नारवा निकल आता
है इस लिये यात्रा में पानी छान कर ही पियो
छान कर ही रसोइ में ठगाओ परन्तु इस बात
का ध्यान रखना चाहिये कि जब तक नलके
का पानी मिल सक कृत का नहीं पीना क्यों कि
कूबे के पानी में अनेक वीमारी उत्पन्न होने के
कारण मिल हुए रहते हूं नठके का जल साफ
करके छान कर नठकों में भेजा जाता हे ॥'
१७ कुछ छोटी बड़ी कोथलियां भी सिलवा
कर जरूर साथ ले जानी चाहियें क्योंकि यात्रा
में आटा चांवल दाल वेसन चीनी नमक मिरच
वगेरा खरीद कर साथ लेजाना होता है ॥
१८ रास्ते में ससाला कूटना साफ करना
कठिन होता है इस लिये कुछ मसाला भी साफ
कर के कूट कर साथ लेना चाहिये ॥
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