श्री छत्तीसबोल संग्रह भाग - 2 | Shri Chhattisabol Sagrah Bhag-2

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Shri Chhattisabol Sagrah Bhag-2 by भैरोंदान जेठमल सेठिया - Bhairodan Jethmul Sethia

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about भैरोंदान जेठमल सेठिया - Bhairodan Jethmul Sethia

Add Infomation AboutBhairodan Jethmul Sethia

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
। शान ही री हे पूछ (पन्ना श२ परिसहू श्ट६ से १९ २२ परिसदद विचार र९५ से रु९८, केवलीनें १९ परिसह दोय तिणम एक समय ९ वेदे शीत्तरो वेकें नण उपए नहीं उप्णुरों वे जे शीत नहीं सलपरों ि घेरे जणे चोरों नहीं चर्यागे येद जे सज्ारों नद्दां ऐसो केदणों । (शुद्धि पत्रसे ्दुद्धि नियाल कर परों ) २३ थोल मोक्ष जाणफा श्९ २४ तिथक्राका नाम २०१, २४ «८ढकका योल रप्द्े सत्तय कदता प्रश्दीयातिकमि ४ लटक पाय सत्तवर अलसियेमें २० ददक पाप समायिकरा पंचीस भेत रपट ' नुद्धि पत्र देखो ” (१) द्रव्यमें निकट भवी (२) सेसमें नस नाड़ी (३ कालमें लेश दणो धद्ध पुद़लीग (४) भावमे लय उपसभ (४ डब्ययकी प्च आश्रवग सांग ऐसो श्द्ण २' माइना ( पाद सददा्रमयी ग्घ्पु




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now