पंडित चैनसुखदास न्यायतीर्थ स्मृति ग्रन्थ | Pandit Chainsukhadas Nyayatirth Smriti Granth

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Pandit Chainsukhadas Nyayatirth Smriti Granth by ज्ञानचन्द्र खिंदका - Gyanchandra Khindka

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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रू, २. १३, ४, श्भ्, १७, श्द्, १६, ०८ रु. २९. २३. रे, रु ग््‌ 2 २७. २८. २६ ३०. देर. देर, हूं > प्रतिभा के घनो व्यापक श्रौर विशिष्ट एक निरशिमान सहज व्यक्तित्व अहूत प्रवचन एक दूषिटि जिनकी स्मृति ही आज हमारा संबल है _ ज्ञानमूत्ति जन्मजात शिक्षक चहुसुखी प्रतिभा के घनी पं. चैनसुखदास ज्ञानी थे जयपुर के श्रीतान चैनसुखदास तुम्हारी जय हो (कविता) एक दार्शनिक विभ्ूति एक श्रविस्मररणी य प्रसंग पं. चैनसुखदास जी-एक संस्मरण सच्ची श्रद्धाजजलि पि स्मृतियों के दर्शन में पंडित जी प्रौद विद्वान एक संस्था एक तीथ श्राजीवन स्मररतीय वहुमुखी प्रतिभा सम्परन व्यक्तित्व मेरे जीवन निर्माता निधन के राम स्वचाम धन्य पूज्य पंडित साहुव युगनिर्माता सामाजिक शक्ति श्रोर शोभा के प्रतीक शोधारधियों के हितेषी विधिध युरपों के घनी पुते0घाद6 ५0० रात. (ामण५पादा 95 जप श्री पं. कैलाशचंद शास्त्री वाराखणासी श्री रूपनारायण काबरा श्री महावीर कोटिया, जयपुर डा. हरीन्द्र भूषण जैन पं. भंवरलाल पोल्याका जैनदर्णनाचार्य ्‌ श्री प्रेमचंद रावंका एम, ए. श्री के. माघवकृष्ण श्री जगन्नाथर्सिह मेहता डा. प्रेमसागर जैन वडौत श्री स्व. सुघेश जैन नागौद श्री पं. गोविन्द नारायण शर्मा न्यायाचायें डा. दरवारीलाल कोठिया डा. पी. एल. भार्गव जयपुर पं. वंशीघर शास्त्री डा, देवेन्द्र कुमार शास्त्री नीमच श्री सर सेठ भागचंद सोनी श्रजमेर डा. गोकुलचन्द्र जन प्रो. ममृतलाल जैनदर्शंना चाय डा. केलाशचन्द जैन उज्जैन श्री सुरज्ञानीचन्द न्यायतीथे श्री कफूरचन्द पाटनी श्री गजानन्द डेरोलिया श्री सनतकुमार जैन विलाला श्री वैद्य फुलचन्द जन डा. कपूरचन्द जन डा. मंगाराम गर्ग वैद्य प्रमूदयाल कासलीवाल श्री घनश्याम गोस्वामी का, पर, व. कट 35198] है रद ४9 ंद 'ष श््0 प्र भ्र्२ भुर-श्ड भ््धर भ्द ७ भ्प श्ट दर द्र्‌ दे द््दं द्भ




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