सोना और सुगन्ध | Sona Aur Sugandh

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Book Image : सोना और सुगन्ध  - Sona Aur Sugandh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सुनि श्री फूलचन्द श्रमण लुधियाना दिनाक १०-१०-७४ श्रीमाच्‌, मन्त्री महोदय, घर्म स्नेह ! ्राप द्वारा प्रेषित पत्न प्राप्त हुआ्ना । श्राविका इचरज कु वर लुणावतजी द्वारा घोर तप करते हुए.-पढकर हृदय उनके प्रति झ्ञाभार व्यक्त करता है । इस पदार्थेवादी युग मे ऐसी तपस्विनी बहिनों के तप श्रौर धर्म निष्ठा से ही जेन धर्म की ,महानु धर्म-ख्याति हुई है। मैं हृदय से शासनेश प्रभु से प्रार्थी हू कि उनका तप अनुसघान निर्विध्न रूप से पूर्ण हो श्रौर श्रापके श्री सघ द्वारा किया जाने वाला श्रभिनन्दन कार्यक्रम सफल हो । [<)




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