समाज की पुकार | Samaj Ki Pukaar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
172
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about रघुवीर स्वरुप - Raghuveer Swaroop
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(७)
प्रो० रामकृष्ण शुक्क ” शिलीसुख ” एस० ए० का नाम प्रमुख है,
जिन्होंने सारी पुस्तक पढ़ कर अपनी शुभ सस्मति तथा परामश'
दिया। झात्मीयोके प्रति कतज्ञता ज्ञापन करना पाश्चात्य ढोग होगा ।
पं० कृष्णुजीवन भागंव तो इस धन्यवाद की लूट के तभी
अधिकारी हो गए थे, जब उन्होंने ञाजकल के सिरकुचलं
साहित्यिक वातावरण मे भी एक असुपरिचित लेखक की
कृति को प्रकाश मे लाने का उत्तरदायित्व ले लिया था |
अन्त मे, “ समाज की पुकार ” आज के समाज को
सादर समर्पित है । यदि अपने ध्येय मे इसे आंशिक सफलता
भी सिली, तो लेखक ( और.' प्रकाशक भी ) अपने को
कतकृर्य समभेगे ।
जयपुर
दोलिका ददन - रघुबीरस्वरूप भटनागर,
२६ साचें, ३७
User Reviews
No Reviews | Add Yours...