श्री राम चरित मानस अयोध्या काण्ड | Shri Ram Charit Manas Ayodhya Kand
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
15 MB
कुल पष्ठ :
384
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पड लय यान ननय, लय कमा
भरतहि होइ न राज-स३ विधि हा दपाइ!
कबहुँं कि कांजी-सीकरनि छोर-सित्य दिनज्ाइ 1'
राजा ददरथके चरित्रका वर्णन जहां तक कैकेदीसि दस्वस्टिय है. दी पर
करता है कि उनकी स्त्रीके प्रति अत्यधिक आसन्ति थी । साथ ही सलिएसी कर
मदन जान का समाचार सुनकर सहम जाना और आगे पँप दाए के दमा उसको
भारुता का परिचायक है । किन्तु उन्होंने रवुझुल की रीफि का सन सूप ऊ
कुछ उठा न रखा |
रघुकुल रीति सदा चलि आई । प्राण जाय दर झड़ ना डाउ़े 1
को पूर्णतया सत्य किया । 3त-स्वह के कार उन्दूले झप्ताफाया पद सिस्ल
चचन से विमुख नहीं
अयाध्याकाण्ड में जिन स्थलों का वर्पन एसस्स्कर डूँ सो झेदट कर पिन
का वणन बड़ा ही रोचक और भावपूर्ण हैं । चाट ररिकेलटमर नई है सच
वार-बार नावे लाने के लिए कह रद नसचा
राम के चरण-रज का जो प्रभाव हैं उसे: डर दे कचरे से बसे
के लिए केवट का हठ करना उसकी ऊन पंक्ति प्रकट कम्प्य-2
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