द भेला संहिता | The Bhela Samhita
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
71.08 MB
कुल पष्ठ :
286
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)2 हो. प्रलेपपतिशेषेषु परिषेकेषु खदिरस्तु प्रशस्थत । खदिरोदकषाय स्थात् खदिरोदकभोजन ॥ भूयिष्ठसुदकार्थ च कुर्वीत खदिरोदर क म् । सारमत्ती सहावची घवरोहित कावबु भी ॥ खादिरं बिल्वमाखितम् कद सुष्करी हि हो ता भद्रोदुस्बलि रि काफलम् ॥ . एलैरप्यषितं कुछे गोसूचपरिषेचनम् ॥ सालाश्वकणनियासो नियासो स कुलिशस्य च । एते कुछ्ठ- ता ब्नणानां स्थुः प्रपोडका । पुर्डरोकस्य वच्चासि क्रिया यां रोगविनाशन शिनो मृ आवर्ता शाल्यलीसूलं च ॥ . राची हि त्लेण निष्पाद्य च । पाठां ठा च तथा गवां सरूबेण योजयेतू । ................. अष्टभागावशिष्टं तत्सादितं सुपरिष्सतम् । पिवेल्ौ क ल्व॑ ससुदा त्या य खिचो श्वे शी तोदकं पिबेत् ॥ .... सवतो तः १ परिरक्ेत्तु । -.... .. मषज्यापि दि ता दोषाश्त्वचस स्थानुसंखिता । ... तपस्थोब॑ स्फोटान् जनयन्त्यकरश्िसि ॥ . स्फ्रोटेव्वथ तुं जातेषु छायायासुपदे वे शय थे त् । .. शौतामिरंद्धि प्रचा्स भोजयेद्पति भोजनमु ॥ संजुब्यं इवाम्बुदा १ । सूच्यग्रेणाथ तीच्छोन व व्य थघयेत्करटकैन वा ॥ च यत्सारं बदरातू खदिरस्थ च । एते पामोयपिडैसु सर्पि /चौद्रससब्विति । पत्रेषु पुष्करिर्यास्तु संविष्टस्थाथ दे लेपयेत । . . ... ततस्त्वाति पय येत् स्फरोटान् शोतोदकपरिन्नतान् । .... ोरिणां चापि ततंस्संचीदयेड्धिषक् । ............ ते कषायेस सिझयेहेपयेत्र तम् । कक
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