स्मरणांजलि | Smranjali

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Smranjali by काका साहब कालेलकर - Kaka Sahab Kalelkarमार्तण्ड उपाध्याय - Martand Upadhyayशिवाजी भावे - Shivaji Bhaveश्रीमन्नारायण - Shreemannanarayanहरिभाउ उपाध्याय - Haribhau Upadhyay

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काका कालेलकर - Kaka Kalelkar

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मार्तण्ड उपाध्याय - Martand Upadhyay

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शिवाजी भावे - Shivaji Bhave

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श्रीमन्नारायण - Shreemannanarayan

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हरिभाऊ उपाध्याय - Haribhau Upadhyaya

हरिभाऊ उपाध्याय का जन्म मध्य प्रदेश के उज्जैन के भवरासा में सन १८९२ ई० में हुआ।

विश्वविद्यालयीन शिक्षा अन्यतम न होते हुए भी साहित्यसर्जना की प्रतिभा जन्मजात थी और इनके सार्वजनिक जीवन का आरंभ "औदुंबर" मासिक पत्र के प्रकाशन के माध्यम से साहित्यसेवा द्वारा ही हुआ। सन्‌ १९११ में पढ़ाई के साथ इन्होंने इस पत्र का संपादन भी किया। सन्‌ १९१५ में वे पंडित महावीरप्रसाद द्विवेदी के संपर्क में आए और "सरस्वती' में काम किया। इसके बाद श्री गणेशशंकर विद्यार्थी के "प्रताप", "हिंदी नवजीवन", "प्रभा", आदि के संपादन में योगदान किया। सन्‌ १९२२ में स्वयं "मालव मयूर" नामक पत्र प्रकाशित करने की योजना बनाई किंतु पत्र अध

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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« हर « सादगी के प्रतीक रुदिमणीदेवी बजाज « हरिजन-सेवा पूनमचद वाठिया . जयपुर की याद उन्हें सदा रही दामोदरदास भूदडा अदभुत छोक-सग्रहदी अनंतगोपाल देवडे गोनसेवक रिवभदास राका « कौचड में कमल पुर्णचंद्र जैन . छाया चित्र जवाहिरलाल जैन स्वदेश-प्रेम का एक दृष्टात शीनायसिंह अतिम सस्मरण लादृराम जोदी कुछ स्मरणीय प्रसंग अज्ञात . दम जीवन सतीघाचंद्र दास गुप्त नैतिक भावना के व्यक्ति एफ पत्रकार चद दिनो के साथी दातारसिद सस्मृत्ति अकबर रजबअली पटेल एक हृदयस्पर्षी प्रसंग महेदप्रताप साही साहस गौर चतुरता के प्रतीक घनारसीलाल दजाज दो स्मरणीय प्रसंग गोरघनदास जाजो दिया उनका सत्कार्य मूलचद सदाराम गिंदोरिया विष्वसनीय मिश्र छोटेलाल वर्मा उनके जीवन का व्यावसायिक. चिरंबीलाल नाजोदिया पहलू » राजस्थान के अनन्य द्वितिचितक झोभालाल गुप्त विजयी जीवन ब्िन्ललाल चियाणी शक्ति के स्तम इदिरा गांधी सफल जीवन पुनमचद रांका *स्वय-सेवक' गंगाघर माखरिया स्नेह के अवतार झ्िवाजी भावे उनके विवध गुण गोविन्दलाल पित्ती उनके साथ पच्चीस वर्ष जाबिवजली ८६ र्ट८ १९५ रहे र्‌०५ २१० २१३ र१६ २१८ र्रे० रेरेर र२३ २२५ श्९६ २२८ ३० रेदे५ रव६ र्वे७ रू४० रे रण दे र्भ् र५५ र१६ र्‌५८ ग५९ रद




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