चरित्र निर्माण की छोटी छोटी बातें | Charitra Nirman Ki Chhoti Chhoti Baten

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Charitra Nirman Ki Chhoti Chhoti Baten by माधव राम बाथम - Madhav Ram Batham

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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लि मी. ( ६९) व्कर हम उन्हें दुषियाँ में दुख उठाने के लिए छोड़ कर मर जाएं, यह अच्छा है, या. हमारे कम बच्चे हों जो शिक्षित और चरित्रवान व कर हमारे और देश के नाम को ऊचा करे, यह अच्छा है ? एक बहुत पुरानी कथा है: वायु की फ्तनी अंजनी जी ने पुत्र प्राप्ति के लिए तपस्या की थी । “भगवान ने तपस्था से प्रसन्न होकर वर मांगने को कहा । अंजनी ने पुत्र होने का वरदान माँगा । भगवान ने कहां कि तुम अगर १०० पुत्र '्वाहो तो तुम्हें होंगे परन्तु वे बुद्धिमान भोर दीर्घजीवी नहीं होंगे । और सौ के बदले यदि तुम एक पुत्र चाहो तो. वह महान वीर, भक्त, दीघं- जीवी भर दुनियाँ में अपना और तुम्हारा नाम रोशन . करने वाला होगा । दो में से जो वरदान चाहो मांग लो 1 बुद्धिमान अंजनी ने १०० पुत्र न मांगकर एक ही पुत्र मांगा जिसको आज भी हम भगवान हनूसान कह कर मानते और पूजते हैं । कम बच्चे चरित्रवान ओर बुद्धिमाक होना हर तरह से ज्यादा बेहतर है । दूसरे वे बच्चे जो अपने मां बाप के इकलोते बेटे होते हैं या वे जो अपनी कई बहनों के बाद पंदा होते हैं । ऐसे बच्चों को चरित्रहीन बचाने में मां बाप का जरूरत से ज्यादा प्यार दुलार _ मददगार होता है । मां बाप का इन बच्चों के प्रति बहुत ज्यादा मोह होता है, जिससे उनमें ज्यादा से ज्यादा बुराइयां आ जाती हैं । ऐसे बच्चों के नाम भी मां बाप . जान बूझ कर ऊटपटांग रख देते हैं । बुरे नामों का बुरा असर बच्चों के चरित्र पर भी पड़ता है । आधिक कठिनाई के बच्चों के मां बाप या. इकलोते बच्चों के मां बाय को अपनी संतान की भलाई के .छिए ' अपने बच्चों के चरित्र भौर अनुशासन पर विशेष ध्यान देना चाहिए । कुछ नासमझ मां बाप ऐसे होते हैं जो अपने आपसी झगड़ों में अपने बच्चों को छूप कर बात सुतना, किन्ही वस्तुओं की चोरी कराना या




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