चरित्र निर्माण की छोटी छोटी बातें | Charitra Nirman Ki Chhoti Chhoti Baten

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Charitra Nirman Ki Chhoti Chhoti Baten by माधव राम बाथम - Madhav Ram Batham

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about माधव राम बाथम - Madhav Ram Batham

Add Infomation AboutMadhav Ram Batham

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
হস असम ( ४९ ) व्कर हम उन्हें दुवियाँ में दुख उठाने के लिए छोड़ कर मर जाएं, यह अच्छा है, या हमारे कम बच्चे हों जो शिक्षित और चरित्रवान बच कर हमारे और देश के नाम को ऊचा करे, यह अच्छा है ? एक बहुत पुरानी कथा है -- वायू की फ्त्नी अंजनी जी ने पुत्र प्राप्ति के लिए तपस्या की थी । भगवान ने तपस्या से प्रसन्न होकर वर मांगने को कहा । अंजनी ने पुत्र होने का वरदान माँगा । भगवान ने कहा कि तुम अगर १०० पुत्र चाहो तो तुम्हे होगे परन्तु वे बुद्धिमान भीर दीर्घजीवी नहीं होगे । ओर्‌ सौ के बदले यदि तुम एक पुत्र चाहो तो वह महान वीर, भक्त, दीघं- जीवी और दुनियाँ में अपना ओर तुम्हारा नाम रोशन करने वाला होगा । दो में से जो वरदान चाहो मांग लो । वृद्धिमान अंजनी ने १०० पुत्र न मांगकर एक ही पुत्र मांगा जिसको आज भी हम भगवान हनूमान कह कर मानते और पूजते हैं। कम बच्चे चरित्रवाव और बुद्धिमाक होना हर तरह से ज्यादा बेहतर है । दूसरे वे बच्चे जो अपने मां बाप के इकलौते बेटे होते हैं या वे जो अपनी कई बहनों के बाद पैदा होते हैं ॥ ऐसे बच्चों को चरित्रहीन बचाने में मां बाप का जरूरत से ज्यादा प्यार दुलार मददगार होता है। मां बाप का इन बच्चों के प्रति बहुत ज्यादा मोह होता है, जिससे उनमें ज्यादा से ज्यादा बुराइयां आ जाती हैं । ऐसे बच्चों के नाम भी मां बाप . जान बूझ कर ऊटपटांग रख देते हैं । बुरे नामों का बुरा असर बच्चों के चरित्र पर भी पड़ता है । आर्थिक कठिनाई के बच्चों के मां बाप या इकलौते बच्चों के मां बाय को अपनी संतान की भलाई के किए अपने बच्चों के चरित्र भौर अनुशासन पर विशेष ध्यान देना चाहिए । | कुछ नासमझ मां बाप ऐसे होते हैं जो अपने आपसी झगड़ों में अपने _ अच्चों को छुप कर बात सुत्रता, किन्ही वस्तुओं की चोरी कराना या




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now