रोगों की अचूक चिकित्सा | Rogon Ki Achuk Chikitsa
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
36 MB
कुल पष्ठ :
396
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about श्री जानकी शरण वर्मा - Shree Janki Sharan Varma
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)तीसरे श्रोर चोथे संस्करण के विषय में
«तीसरे संस्करण में मंने कोई ख़ास तब्दीली नहीं की, पर इस चोथ
संस्करण में बहुत बातें बढ़ाई और कछ बातें बदली गई हू । इस वृद्धि और
परिवतंन के लिए बहुत सी बातें अपने अनुभव और पुस्तकों के अध्ययन
से मिलों और कुछ बातें इलाहाबाद के नेचरो-हामियी डाक्टर ब्रजबिहरी
दोक्षित और गुरुहुल कांगड़ी के नंचरोपथी ( प्राकृतिक चिकित्सा-शास्त्र )
के अब्यापक श्रो भव,नोप्रसाद जी के परामद से मिलों । इन सज्जनों को
धन्यवाद ।
इस संस्करण को भो बिव्कूल नई पुस्तक को तरह पढ़िए ।
चौथे संस्करण के प्रकाशित होने के पहल मेने नोची लिखी पुस्तक पढ़ों:-
(१) किलितपिलान्निाएपएए पीकर (पाए
(पा, रो. (015,
(दर). नर (व [ए00.
(३). १५०छुछ-नव्णाएिा उप 10 0त |) 8.
(४). 1पटाधकानावतिए 20 वे एप सिटएपू,
इन लंखकों को घन्यव।द । यहू पुस्तक बहुत बड़ी हो सकती थी, पर मेंने
तो इसे पारिवारिक प्रयोग के दृष्टिकोण से हो लिखा है ।
केम्प दिटि | क | क
”शखक
एप्रिल, १६४४
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