पशुवध सबसे बड़ा देशद्रोह | Pashuvadh Sabse Bada Deshdroh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1000 KB
कुल पष्ठ :
39
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( ३ )
(रे )
उसी खून से चमड़े ऊपर रंग चढाया जाता है ।
जिसका कर उपयोग मनुज यह पाप कमाता जाता है ।
भारत में जब भंग्रेज न थे तब नहिं ऐसा होता था
बाहर जाता चम नहदीं था, सृत का ही सब खपता था ॥।
( रे )
मंत्रों ने शौक लगाया भारत के इस फैशन का
पशुधन कटवा कटवा करके खेल दिखाया निधेन का ।
ये चमड़े अमरीकादिक जा उनको मौज चखाते हैं
भारत से घन खींच खींच कर सबके प्राण दुखाते हैं ॥।
० )
बदले में श्रंगार प्रसाधन की भाती है. सामग्री
भूल गया सब भापा भारत चाल विदेशी सब पकरी ।
हुआ द्रिद्री पर भवबलंबी इस भारत का द्वाल बुरा
चाहते थे होगा स्व॒राज्य तो सोख्य मिलेगा हमें जरा ॥।
(३१)
है स्वराज्य पर मिला सुराज्य न चौवेजी से बने दुबे
छुव्बेजी बनने की भाशा में कष्ट सिंघु मभ पड़े डुबे ।
यंत्रों की है चली प्रणाली उससे सारी बरबादी
पू'जीवाद पनपता जाता बेकारी को आजादी ॥
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