अक्लान्त कौरव | Aklant Kourav
श्रेणी : विज्ञान / Science
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
142
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
कंचन कुमार - Kanchan Kumar
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महाश्वेता देवी - Mahashveta Devi
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अच्छे । जैमे--आदिवासी, गरीब किसान, खेत मज टूर, कलाप्रेमी, ग्रामीण
काश्तकार, लोव-कलाकारों का जीवन आौर कार्य । ट्रिसा की राजनीति में
इनकी गहरी दिलचस्पी है। मगर चूँकि मगज़ में उपनिवेश की खूंदी गड़ी
है, इसीलिए रिसर्च की धीसिस तथा निवन्धों मे संप्रामी भारत, शोपित
भारत, मेहनतकथ भारत के प्रति हमदर्दी के घडियाली आसुओों के पीछे
मकसद दूसरा रहता है। भारी-भरकम बात, आँकडों की मारणी आदि
का जोड-घटां खतरनाक हैं। इस जोइ-पटा का वाणोरुप ऐसा है, है
भारतीय इंसान, कभी भी अपना अधिकार माँगने के लिए हथियार सतत
उठाना । कभी भी बर्थाश्रम पर आधारित प्राचीन समाज-व्यवस्वां को
उलटने की चाह से करना । जोतदार के हाथ में बेनामी जमीन रदने दो 1
कृषि में तुम पिछड़े हुए हो। उन्नत तरीके से सेती नहीं कर रहे हो,
इसीलिए पिछड़े हो । उद्योगपति मुनाफा लूटते जायें । मजदूरों के लिए
उन्नत उत्पादन यत्र चाहिए।' ऐसी त्रमाम थीसिसों में भारत के झषि
तथा उद्योग क्षेत्रों मे, जहाँ अभी लायों-क रोड़ो इत्तान दोनो हाथों से मेहनत
करके किसी तरह जीवित्त रहते हैं, उन तमाम क्षेत्र मे थत्र पर निर्भरता
लाने की बात कह्टी जाती है। इसके फलस्वरूप लाखों-करोडों भूखे लोग
बेकार हो जायेंगे, यह नहीं कहा जाता । इस भारत में, भारतीय दिमाग़
को खरीदकर उसमे इस तरह के विस्तन का बीज दूसरी विदेशी ताकत
भी बीती है । पहते दल की ताकत बहुत स्यादा है। वे लोग काफी चालाको
ने काम करते हैं--चुपचाप। बहुत सालों की कीशिश से शिक्षा तथा
सस्कृति की दिया में उनके खरोदे शेयर ही अधिक हैं। देश-भर में
योजनाओं, शिक्षा और सह्कृति की दुनिया में, सभी जगह उन्हीं के लोग
हैं। इन तमाम लोगों के पौ वाहर है। प्रर्तिद्न््वी खेमे के पीने रुपये भी वे
नेते हूं। वे अमरीका की तरफ भी दौइते है। एक ही व्यक्ति, एक ही
मस्था या एक ही प्रकाशन या एक ही पत्र लाल-पीले रुपये एक साथ पीटता
हैं, ऐसे उदाहरण भी आय बहुत हैं ।
ट्रैपायन इन तमाम बुद्धिजीदियों में भी डुलोन है । हमेशा से
कम्युनिस्ट है । वीच-वीच में आदिवासियों के बारे में भी निवध फेक्ता है ।
पता चला है कि निवंध लिखने के लिए यूरोप के विभिन्न देश उसे रुपये
अक्लास्त कौरव 15
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