लकड़ी पर पॉलिश | Lakdi Ki Polish
श्रेणी : स्वसहायता पुस्तक / Self-help book
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
210
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)खकद्ीका रंग बदलना ] १
कासके लिए भी प्रयुक्त दोता है । कुछ घुसये थागे दिये
जावेंगे।
फूल श्रौर काष्ठ '््रादि के फा्ों-से चने स्टेनॉंके यनाने
में असुविधा होती है ओर उनमें जलनस्टेनोंकी धन्य असु-
विधाएँ भी हैं । इनका रिवाज श्रव प्रायः उठ गया है ।
परन्तु भारतवर्षमें अब सी, विशेषकर देशातॉ्में; उनका
प्रयोग सस्ता पढ सकता है । दृदी ( पीला ), भाँदला
( काला ), रतन-जोत ( गाढ़ा लाल ), खूनखरावा
( लाल ); किरमिज ( चटक लाल ), माजूफल ( काला ),
कुसुम या बरें ( पीला ) इस कामके लिए इस्तेमाल सिये
जा सकते हें ।
स्पिरिट-स्टेनमें विशेष युण यह होता है कि यह बहुत
शीघ्र खूखता है । इनके प्रयोगसे एक दिन में हो पॉलिश
का काम तैयार किया जा सकता है । मरम्मत्रके कार्मोमे भी
इसी कारण ये दिशेष उपयोगी सिद्ध होते हैं । स्पिरिट्से
लकड़ीका रेदा नहीं ठभड़ता। है, या चहुत कम उभद़ता
हे । इसलिए रेगमालसे बहुत रगढ़ना नहीं पढ़ता ।
परन्तु वे लुकनी वाले रंग जो रिपरिटर्में घुकनशील होते हैं
उतने पदके नद्दीं होते जितना पानीमें घुलनशील रंग ।
स्पिरिटका रंग लुफदीमें वहुत दूर तक घुस भी नहीं पाता है
क्योंकि यदद बहुत जल्द सूखता है । इसी कारण स्पिरिट-स्टेनके
लगानेमें झधिक हस्त-कौशल की सी झावश्यकता पढ़ती है ।
User Reviews
rakesh jain
at 2020-11-28 15:50:09