प्राचीन भारत के वैज्ञानिक कर्णधार | Prachin Bharat Ke Vaigyanik Karnadhar
श्रेणी : विज्ञान / Science
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
34.68 MB
कुल पष्ठ :
647
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about स्वमी सत्यप्रकाश सरस्वती - Swami Satyaprakash Saraswati
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)4 भ्रथवनु पहले श्राविष्कर्ता के जीवन संबधी ब्योरे हमारे पास उपलब्ध नहीं हैं । हम उसके कई नामों से परिचित है । इनमे अथवंन् या अ्रथर्वा उनका निजी नाम है श्र प्र्नि का श्राविष्कर्ता होने के-+काररा उनका नाम श्रगिरस भी पड़ गया । उनके नाम पर श्रग्नि का मन्थन करने वालों को पूरी को पूरी जाति श्रांगिरस नाम से विस्यात हुई जिसका सम्बन्ध ऋग्वेद की विभिन्न ऋचाओ से है । शभ्रागे चलकर हम उनका विस्तृत उल्लेख करगे । प्रोमेथ्यूज़ को कथा ग्रीक ग्राख्यानों मे एक प्रोमथ्यूज का उल्लेख मिलता है जो श्रर्नि को स्वर्ग से चुराकर मर्व्यलोक मे लाया था । पफ्रोमेथ्युज पुराणों या श्राख्यानो का नाम है जब कि श्रथवनु इतिहास पुरुष है । यह विइवास वरने का है कि प्रोमंथ्यूज के नाम से सबद्ध पुरागग-कथा का उद्भव भी भारत से ही हुमा श्रौर यही से वह कथा विदेशों मे फंली । स्वय प्रोमथ्यूज दाब्द का. उद्भव सस्कृत पद से है क्योकि अ्रर्नि का श्राविर्भाव पहले मसन्थ की प्रक्रिया से किया गया था । इस सिलसिले में हम चम्बर्स विश्वकोप से एक उद्धरण देंगे - अगिन के उद्भव-उत्पादन की अपेक्षा उसका घारमिक इतिहास वही ज्यादा प्रच्छस्त है यद्यपि हम देखते है कि सर्वत्र इस विषय के चारो श्रोर पुरार्प-कथाओों का ताना-बाना वुन दिया गया है | प्राकृतिक घक्तियों के सभी प्रमुख उपादानों की भांति ही श्रर्नि को श्रारम्भिक दिनों में व्यक्तिस्वरूप मान कर उसवी पुजा की गई तथा व्यक्ति-स्वरूप या साकार मानकर देवत्व का श्रारोप करने की यहीं प्रक्रिया हमें श्रग्नि के पहने श्राविष्वर्ता के नाम के साथ गीक प्रो मेथ्यूज झारकिभिव श्रार्यों के प्र-मन्य ब्रौर उनके चीनी समकश्न सुय-जित के साथ संबद्ध मिलती है । -ाचम्बस विश्वकोश . फायर प्रोमेथ्यूज ग्रीक पुराण कथाश्रा का महानु सांस्कृतिक नायक है जो टिटन प्रायापेटस क्लाईमीन का पुत्र श्रौर एटलस मेनोहटस श्रौर एवीमेथ्यूज वा भाई था । हैसोइड ने उसकी कथा इस प्रकार कही हे एक बार ज्यूस के दासन के अधीन देवताओं श्रौर मनुष्यों के बीच आपस मे मंकोन मे यह विवाद उठा कि बलि-पणथुद्नों का कोन सा श्र देवताश्रो को श्रपित किया जाए । प्रोमेथ्यूज ने उयस की परीक्षा की हपष्टि से एक वेल को काट कर उसके श्रग के सर्वोत्तम प्र गोबर से ढांक कर एक श्रोर रख दिए श्रीर दूसरी ओर हड़ियों को चर्बी से ढांक कर रख दिया । ज्यूस से चुनाव करने को कहां गया किन्तु उसने जव यह कपट-जाल देखा तो उसने मांस पकाने के लिए जरूरी श्रग्नि से जीवधारियो को वर्जित करके बदला लिया । तब प्रोमेथ्यूज ने श्रग्नि को एक खोखली नलिका में चुरा लिया ग्रौर उसे उनके पास ले श्राया । ग्रीक प्रोमेथ्यूज का शब्दाथ है पूर्व हृष्टि झ्रीर एपीमथ्यूज प्रोमेध्यूज का विपरीतार्धक डाव्द का है पदचातू हष्टि ।
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