बाल जीवन माला पास्कल | Bal Jeevan Mala Paskal

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Bal Jeevan Mala Paskal by गुनाकर मुले -Gunakar Mule

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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हां तो, पास्कछ के पिता में और कारडिनल रिचेली में एक बात को लेकर मतभेद हो गया; जनता पर तये टैक्स लगाने की वात को लेकर । काडिनल से मतभेद ? बहुत बड़ी बात थी उस ' जमाने में । पास्कल के पिता को नौकरी से हाथ धोने' पड़े । इतना ही नहीं, भय से कई दिनों तक उन्हें अपने को और अपने परिवार को अज्ञात रखना पड़ा । लेकिन ऐसा कितने दिनों तक चल सकता था ? रिचेली की कृपा पुनः प्राप्त करने के लिए कोई न कोई उपाय खोजना ही था । आखिर पास्कछ की बहन जववेलिन ने एक उपाय खोज निकाला । तुम जानना चाहोगे कौन-सा उपाय । तो, सुनो... एक दिन की वात है । कार्डिनल रिचेली पेरिस के एक थियेटर में नाटक देखने गये । रिचेली को नाटक वहुत पसन्द आया । विशेषत: एक लड़की का अभिनय । वह थी भी बड़ी खुबसूरत । नाटक के समाप्त होने पर रिचेली ने उस लड़की का नाम पूछा । उसका नाम था : जकक्‍्वेलिन । पास्कल की बहन । पथ




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