साहित्य शास्त्र परिचय | Sahitya Shstra Perichye
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
113
श्रेणी :
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प्रेमस्वरूप गुप्त - Premswarup Gupt
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श्यामलाकांत वर्मा - Shyamlakant Varma
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand) ्द साहित्य-शास्त्र परिचय
रे. कह्पना ततत्र ।
४. अभिव्यक्ति या शैली तसव ।
इन्हीं चारों तत्वों को दो पक्षों में विभवत कर दिया गया हैं । प्रथम तीन
की स्थिति भाव पक्ष के अदर ही मान्य है । अतिम को कला पक्ष के रूप में
मान्यता प्राप्त है । अनुभूति और अभिव्यक्ति दोनों ही पक्षों को ओचिर्य ओर
लालित्य से प्रभावी और रमणीय बनाने वाली यह कला (साहित्य) लोक-मंगल
का विधान करती हुई मनुष्य की सौन्दयं-चेतना को बिकसित करती है तथा
उसे लोकोत्तर आनन्द प्रदान करती है । मनुष्य की विचारधारा का परिष्कार
कर बहू.उसे 'सामाजिक' और 'सहुदय' की श्रेणी में ला देती हैं । साहित्य का
रस-तत्त्व हमारे मन में शात्विकता का समावेश कर हमें आनम्दमर्न कर देता
है कर
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