उच्छवास | Uchchhavas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पुष्पाइ्लि उठती है कंसी हाय ! हुल , मेरे झाँगन का एक फूल ! सौभाग्य माव से मिला हुआ ; श्वासोच्छवासों से हिला हुआ , निज वंदा-वुक्ष में खिला हुभ्रा , भड़ पड़ा अचानक भूल-भूल । मेरे आँगन का एक फूल ! ऊषा ने अपना उदय किया , दीपक ने निज निर्वाण लिया , सारुत ने जग को जगा दिया , देखा कि दे गया हृदय-शुल , मेरे आँगन का एक फूल ! १६.




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