प्रकृति और हिंदी काव्य | Prakriti Aur Hindi Kavya
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
36 MB
कुल पष्ठ :
535
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)चिघय निर्देशक
. छामुख--विषय प्रवेश--मानव की मध्य स्थिति--कायं की सीमा का
निर्देश--युग की समस्या--स्वच्छंदवाद श्रौर प्रकृति-
वाद--रूपात्मक रूढ़िवाद--शब्द और शैली ।
न्यम साग
प्रकृति ओर काव्य
प्रथम प्रकरण
प्रकृति का प्रइन (रूपात्मक श्रौर भावात्मक) २-२८
प्रकृति क्या है--सहज बोध की दृष्टि--विवेचना का क्रम
मॉलिक प्रकृरि--भौतिक तत्व और - विज्ञान तत्व--भारतीय
तस्ववाद--यूनानी तत्ववाद--सहज बोघ की स्वीझति ।
« * झश्य प्रक़त्त-मन श्र... शरीर--समानान्तरवाद--सचेतन
प्रक्रिया--दोनों ओर से--हष्टा श्रौर दृश्य--दृश्यजगत्
प्राथमिक गुण--माध्यमिक गुण--सामान्य श्र विशेष ।
्ाध्याष्मिक प्र, त--दिक-काल का छाया रूपन--अ्रमात्मक
'. स्थिति-प्रकृति का सानवीकरण--भावसगन प्रझति--
. सामाजिक स्तर--घामिक साधना ।
द्वितीय प्रकरण
प्रकृति के मध्य में मानव २९-५०
_ प्रकृति श्वज्ुला मं ।
जजगात्प एबकास में जानव--विकास के साथ--चेतना में
दिक-काल--प्रकृति से श्नुरूपता--मानस विशिष्ट मानव ।
श्वच्चेचन (झात्म-चेतन) मानव आर श्रछकति--झात्म चेतना
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