मनोवैज्ञानिक परिपेक्ष में भारतीय संगीत का सामाजिक एवं सांस्कृतिक अनुशीलन | Manovaigyanik Paripeksh Men Bharatiy Sangeet Ka Samajik Awam Sanskritik Anushilan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श अानीं जीतन संगिनी श्रीमती लता नाहर के पति भी आभार पुरुट कहना चाहूंगा, जिन्होंने घरेल टायित्वों के सिर्वहन के माध-माथ अपने अमुल्य सहयोग से ग्रे उत्पेरित किया है। अपने अनुज श्री लतोध नाहर, पुछ्यात तायलिन वादक एठं कार्यक्रम जच्धिसी संगीता आकाशवाणी, इलाहाबाद, सुपुत्री कु. शिल्पी नाहर, सुर घथि, शीभित नाहर एवं प्रिथ्याजओं कु. निशा पाठक, तल क. प्रमिति चौँघरी के पति भी स्नेहिल आभार एवं घन्यवाद प्रकट कलंगा, जिनका सहयोग, इत शींध कार्य मैं, समय-समय पर मुझे प्राप्त हुआ है। इत शीध पुबन्ध के बुद्ध एवं च्वतस्थित टंका के लिये युवा, कर्मठ व तुवोग्य टैकक श्री प्रमोद अग्रवाल के पति भी आभार प्रकट कहंगा, जिन्होंने हा हटिंक रूधि लेकर यह कार्य पूर्ण किया है। अन्त मैं, उन तभी तहयो गियाँ, म॒ह्जनों एवं विद्वामजनों के प्रति हुटय से कृतन्नता' शव जाभार पुकट करना चाहूंगा, जिनके प्रत्यक्ष था अपत्यक्ष तहवोंग ले इत कार्य को वूर्ग करने में मुझे बेरणा शव दिशा मिली है। कलस्वस्व गुसजनों एवं इयर के श्रीचरणी में धद्ायूर्वक नमन करते हुये अपना यह अक्विंग प्रयात शौधा बुबन्ध पुस्तुत कर रहा हूँ। िप्य हर दिनौक :. 2101: 200, बता हिल्‍्व कुमार




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