कम्पनी विधि | Company Vidhi
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
32 MB
कुल पष्ठ :
383
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कम्पनीज एक्ट
[ १६५६ का ऐक्ट १ )
अध्याय--र*
विषय प्रवेदय
( ए(सप९०00ए0101४ ) .
सक्षिप्त इतिहास--रंग्लैय्ड में व्यापार के लिए: उवाइन्ट-स्टाक कम्पनियों
का निर्माण कई शताब्दियों पहिले शुरू हुआ था । उस देश में १८५५ तक भी
सीमित दायित्व का विशेषाधिकार नहीं प्रदान किया गया था |
मारत में ज्वाइन्ट-स्टाक कम्पनियों के रजिस्ट्रशन के लिए, इंग्लिश कम्पनीज
ऐक्ट, १८४४ के लाइन पर पहली बार १८४५० में एक्ट पास किया गया था ।
१८३७ में जवाइन्ट-स्टाक कम्पनियों तथा श्रन्य संस्थाओं के निगमन ( इन्कारपोरेशन)
तथा विनियमन ( रेगूलेशन ) के लिए, उनके मेम्बरों के सीमित दंयित्व सहित
अथवा बिना इसके, पास किया गया; लेकिन सीमित दायित्व का विशेषाधिकार
किसी बैंकिंग या बीमा कम्पनी को नहीं दिया गया था । लेकिन, इंग्लिश ऐक्ट,
+८५७ के लाइन पर १६६० के ऐक्ट ७ को पास करके इस निर्योग्यता को समाप्त
कर दिया गथा । इसके बाद १८६६ में इंग्लिश ऐक्ट, १८६९२ के लाइन पर विस्तृत
ऐक्ट पास किया गया । इस ऐक्ट द्वारा व्यापारिक कम्पनियों तथा श्रन्य संस्थाश्रों के
निगमन, विनियमन, तथा समापन ( वाइन्डिंग श्रप ) संबंधी कानून को संशोधित तथा
इकट्ठा किया गया | की
१८६६ के ऐक्ट को १८८२ में फिर से. ढाला, गया श्रौर अन्य संशोधी झचि-
नियम पास होते रहे जब तक कि १६१३ का ऐक्ट ७ पास नहीं हुआ; जो,
कि इंग्लिश कम्पनीज ( कानसोलिडेशन ) ऐसक्ट; १६०८ की; , एक , प्रकार से नकल
थी। १६३६ के ऐक्ट ७ द्वारा १६१३ के ऐक्ट में व्यापक संशोधन किए. गए, जो
बिलकुल १६.२६. में इंग्लिश ऐक्ट पर ्राघारित थे। इसके बाद भी 'कई सेशोधी
बधिनियमों द्वारा इसमें संशोधन किए. गए. ।
श घट का ऐवट-सह समेकन करने वाला ऐफक्ट द्द तौर इसमें इस समय.
तक कम्पनियों के सभी कानून को समाविष्ट किया गया है ।..इस 'ऐक्ट ,ले इसिडिसन
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