प्रामेर शास्त्र भण्डार जयपुर | Pramer Shastra Bhandar Jaipur

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Pramer Shastra Bhandar Jaipur  by कस्तूरचंद कासलीबल - Kastoorchand Kasliwal

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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कर «८. न * आामेर भंडार के प्रन्थ # प्रति न॑ं० * पत्र संख्या ८ साइज १००८४॥ इख् लिपि संवत १४६० ्य अअनत व्रत कथा रचयिता-श्री जीवणुराम गोघा । दिन्दो पत्र संख्या ३ साइज ११५४. इब् । रचना सबतू १८७१ रचना करन का स्थान रणी ( जय उुर ) न, अनत व्रत कथा रचयिता-ब्रह्म श्री श्रतसागर । भाषा-संस्कृत । 47 संख्या ३ सारज १००८४ इश़ । लिपि संवत्‌ श८६५ लिपिकर्ता विजयराम | प्रति न० स्‍ पत्र सख्या ३ साइज १९०८५ इख 1 कद अनंतता यू कथा रचयिता-झज्ञात । पत्र संख्या १, भापा-हिन्दी (पद्य) साइज ११॥८४५ रख । पद्य संख्या २४. १८ शन्नपान विधि रचयिता-अज्ञात । भाषा-संस्क्त। पत्र संख्या पद साइज १००८५ देख 1 प्रन्थ अपूर्ण है । विपय स्वाने पीने के विधान का बरोन । गति नं० ०. पत्र संख्या-2६ साइज १००८५ इख्ध । प्रति झपूर्ण है । मध् झनिटू कारिकाइति रचयिता-झज्ञात । भाप-सम्कृत । प्र सख्या इ, व्शकरणा । साउज १ण४४४॥ इस । विषय प्रति नं० २. पत्र संख्या ६ साइज १०॥४९४2) 4६. १ झनुप्रेक्ा प्रकाश रचयिता-झ्ाचायं कुन्दकुन्द । भाषा-प्राफृत । पत्र संग्या ६ गाथा सम्या ८४. साइज धाज? विपय-बारह झ्रनुप्रेक्षाओं का वर्णन | तीन




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