कुन्ती | Kunti
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
491 KB
कुल पष्ठ :
112
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मुल्ती पूत ने अद्धाप तह वोजी धरती वध । चोफ़ेरी ठग ने करा ई
करता उसो दौसे, परण वा उस ने प! सी सेरें । छेक्ड मुरद्धा री घटाटोप
उध री चेतना में घाय दाद । मद्धे झ्रवारो”। सागीडों सांवठों काठों
अपारों । सारों जग धेवाकार । हाय है बुस्ती रा भागर।
ए कल्याण गौतम
६ जनवरी ६८६ डिंगढ़ साहित्य सदन
दर ४०८ चौतीना कुझा रे मई
मत्तासर हाउम॑ री गठी,
वीकानिर-न रे रै४०० है
चर्म: डर
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