भारतीय आधुनिक शिक्षा | Bhartitya Adhunik Shiksha

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Book Image : भारतीय आधुनिक शिक्षा  - Bhartitya Adhunik Shiksha

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भारतीय आधुनिक शिक्षा अक्तूबर 2004 मौलिक कर्तव्यों की जानकारी प्राप्त करने हेतु वाराणसी शहर के सभी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों के पाठूयक्रमों को एकन्न किया गया। मौलिक कर्तव्यों पर आधारित कार्यक्रमों की जानकारी प्राप्त करने हेतु अनुसूची का निर्माण किया गया । इस अनुसूची में 17 पद थे य प्रत्येक पद पर शिक्षकों द्वारा बताए गए कार्यक्रम का प्रतिशत निर्धारण शिक्षकों की सहमति के आधार पर किया गया] प्रतिदर्श वाराणसी शहर के सभी सात शिक्षण संस्थानों में अध्यापनरत शिक्षक प्रशिक्षकों को आकस्मिक न्यादर्श विधि द्वारा प्रतिदर्श इकाई के रूप में चयनित किया गया। इन शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में कार्यरत कुल 67 शिक्षक प्रशिक्षकों में से 585 शिक्षक प्रशिक्षकों से मौलिक कर्तव्य कार्यक्रम अनुसूची तथा साक्षात्कार दारा जानकारी प्राप्त की गई। परिणाम व सुझाव शिक्षक प्रशिक्षण पाठूयक्रम में मौलिक कर्तव्यों से संबंधित विषय-वस्तु का विवरण- सर्वप्रथम यह अध्ययन किया गया कि शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों के पाठ्यक्रम में 10 मौलिक कर्तव्यों में से किन-किन से संबंधित विषय-वस्तु को शामिल किया गया है? इस संदर्भ में जो परिणाम प्राप्त हुए वे निम्नानुसार हैं- तालिका 1 से स्पष्ट है कि संविधान पालन, उसके आदर्शों का आदर, भारत की प्रभुतता, एकता व अखण्डता संबंधी विषय-वस्तु, सामाजिक संस्कृति का महत्व समझना व उसकी रक्षण संबंधी विषय-वस्तु तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण उत्पन्न करने संबंधी विषय-वस्तु सभी केन्द्रीय, राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों तथा संबद्ध महाविद्यालयों के पाठ्यक्रम में सम्मिलित हैं । भ्रातृत्व की भावना, धर्मनिरपेक्षता की भावना संबंधी विषय-वस्तु बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, काशी विद्यापीठ तथा उदय प्रताप कॉलेज के पाठ्यक्रम में सम्मिलित है। पर्यावरण की जानकारी सम्बन्धी विषय-वस्तु उदय प्रताप कॉलेज को छोड़कर अन्य सभी केन्द्रीय व राज्य 15 स्तरीय शिक्षक प्रशिक्षण विश्वविद्यालयों में सम्मिलित है। परन्तु सार्वजनिक सम्पत्ति की सुरक्षा, उच्च आदर्शों का पालन तथा राष्ट्र को आगे बढ़ाने हेतु किसी भी प्रकार की विषय-सामग्री, किसी भी शिक्षक प्रशिक्षण विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल नहीं है। अतः इन कमियों को दूर करने के लिए निम्न सुझावों पर अमल करना चाहिए। ए धर्मनिरपेक्षता संबंधी विषय-वस्तु को सभी शिक्षक प्रशिक्षण विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। ए संविधान का पालन तथा उच्च आदर्शों का आदर करने की भावना के विकास हेतु महापुरुषों की जीवनी को पाठूयक्रम में सम्मिलित करना. चाहिए। (1 पर्यावरण के प्रति जागरूकता तथा उसके संरक्षण की भावना विकसित करने हेतु व्यापक विषय-वस्तु शामिल करनी चाहिए। ए राष्ट्र की उन्नति का प्रयास करने की भावना के विकास हेतु सफल व्यक्तियों की जीवनी के अध्ययन को पाठूयक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। ए पर्यावरण के प्रति जागरूकता तथा उसके संरक्षण की भावना को विकसित करने हेतु व्यापक विषय-वस्तु शामिल करनी चाहिए। 0 राष्ट्र की उन्नति का प्रयास करने की भावना के विकास हेतु सफल व्यक्तियों की जीवनी के अध्ययन को पाठूयक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। [1] शारीरिक शिक्षा हेतु स्वास्थ्य पोषण विज्ञान, रोग तथा उनसे सुरक्षा संबंधी विषय-वस्तु को शामिल करना चाहिए। मौलिक कर्तव्यों की जानकारी देने हेतु आयोजित कार्यक्रमों का विश्लेघषण--मौलिक कर्तव्यों पर आधारित कार्यक्रमों से संबंधित अनुसूची के कथनों पर शिक्षकों द्वारा प्रदत्त मत का प्रतिशत्त्‌ निर्धारण करने पर ज्ञात हुआ कि प्रार्थना का कार्यक्रेम सभी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में नहीं कराया जाता जबकि ऐसा करना धार्मिक संस्कारों को छात्रों में स्थापित करने तथा धर्मनिरपेक्षता की भावना उत्पन्न करने में भी सहायक होगा। जिन




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