प्रारंभिक रचनाएँ भाग - 2 | Prarambhik Rachanaen Bhag - 2

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Prarambhik Rachanaen Bhag - 2 by बच्चन - Bacchan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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गांघो जी के विलायत-प्रस्थान पर भारत माता की बिदा सुना है जब से मेरा लाल विलायत जाने को. तेयार, सिकुड़ता जाता. है. इत्पान्न, उमड़ती श्राती है जल-धघार | इदय श्रथवा मेरा. सुकुमार सुकोमल विरह-वद्नि -की याद से. हा जाता. तरलीभूत, नयन तक लाता नीर - विषाद । श्भू




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