भावुक | Bhavuk
श्रेणी : काव्य / Poetry
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
694 KB
कुल पष्ठ :
70
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)र५नर
होकर पंकिल कुटिल जटिल फेनिल बहती हे
हाय प्रति क्षण शाप अधघोगति ही लहती है
पर चिन्ता कुछ ॒नदीं, अह्दों लहराती रहती
किसकी आशा किये प्रणय से गाती रहती
रखती है शीतल हृदय
सबका हरती ताप हे
हाँ, सेकत-मयवन्घु-की
ठूषा घुमाती श्ाप है ।
जिसे न कुछ भी ध्यान कि तुमसे कोन तरलता
उसे मान कर सरस जनों की सहज सरलता
तुकको निज निःसीम हृदय सें जो रख लेगा
भर देगा लावण्य, मोतियों से सज देगा
उस रल्लाकर से अहों
जो. तुमको छापनायगा
प्रम-पाश मे लॉँघ के
मयांदा में लायगा |
User Reviews
No Reviews | Add Yours...