यूरोपीय राष्ट्रों का इतिहास खंड 2 | Europe Rashtron Ka Itihas Khand 2
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8.03 MB
कुल पष्ठ :
234
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)७ दर बरंगन्डी की मेरी से -करके उसने फ्रेंच काम्टी नामक स्थान तथा... .. नीद्रलैरड देश पायां । उसने अपने लड़कें क्रिलिप की शादी स्पेन के राजा फडिनेन्ड और रानी आइज़ावेला की लड़की जुआना से करके स्पेन का राज्य भी फडिनेएड के मरने पर अपने वंश अर्थात् देप्सवर्ग चंश के अधीन कर लिया तथा अन्त सें अपने पौत्र के विवाह से हंगरी और बोहेमिया पर अधिकार किया । इस भांति इसने अपना राज्य फिर बढ़ा लिया । इटली--धार्मिक केन्द्र होने तथा अपने धन व्यापार और कलाओं के कारण इटली एक महत्वपूर्ण राज्य था । ये लोग क्ृषि- काय में भी निपुण थे और इन्होंने अनेक नहरें बनाकर पो नदी की घाटी को एक हरा भरा वार बना रकक््खा था । वेनिस यहाँ का प्रसिद्ध बन्द्रगाह तथा मध्यकाल का व्यापारिक केन्द्र था । इटली के एक भाग नेपिस्स पर स्पेनवालों का अधिकार था । ये लोग अनेक बातों में इटलीवालों की नकल किया करते थे । परन्तु इटली में कइ ऐसे आन्तरिक कारण उपस्थित हो रहे थे जो उसे अधोगति की ओर खींच रहे थे । उस समय इटली एक श्र न था । स्थान २ पर कलह हो रहे थे राज्य-व्यवस्था तथा न्याय शिथिल पड़ गये थे तथा शीघ्र ही वह समय आ रहा था जिसने इटली का व्यापार धन तथा स्वातंत्र्य दर्ण करके उसे परतंत्रता की वेड़ियों में जकड़ दिया । अब हमें इटली की आन्तरिक दशा देखना चाहिये । योंददी यहाँ अनेक रियासतें थीं परन्ठु इस समय पाँच रियासतों ने औरों को दवाकर अधिक शक्ति प्राप्त कर ली थी । ये पाँच रियासतें सिलन वेनिस फ्लोगेंस नेपिल्स तथा पोप की रियासतें थीं ।
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