राजस्थान के जैन शास्त्र भण्डारों की ग्रन्थ - सूची भाग - 5 | Rajsthan Ke Jain Shastr Bhandaron Ki Granth - Suchi Bhag - 5

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Rajsthan Ke Jain Shastr Bhandaron Ki Granth - Suchi Bhag - 5  by विद्यानन्दजी महाराज - Vidyanandji Maharaj

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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इस अवसर पर स्व० गुरुवर्यय प० चैनसुखदास जो सा» न्यायतीर्थ के चरणों में सादर श्रद्धान्जसि झपित है जिनकी सतत प्रेरणा से ही राजस्थान के इन शास्त्र मण्डारों की ग्र थ सूची का कार्य किया जा सका । हम हमारे सहयोगी स्व० सुगनबन्द जी जेन की सेवाग्रों को भी नहीं मुसा सकते जिन्होंने हमारे साथ रह कर. शास्त्र भण्डारों की प्र थ सूची बनाने में हमे पुरा सहयोग दिया था । उनके झाकस्मिक स्वंवास से साहित्यिक कार्यों में हमें काफी क्षति पहुंची है । हम उदीयमांन शोधार्थी श्री प्रेमच द राबका के मी प्रामारी हैं जिन्होंने ग्रंथ सूची की भनुक्रमर्िकार्ये तैयार करने मे पूरा सहयोग दिया है । हिन्दी के मूद्धन्य विद्वादु ढा० हुजारी प्रसाद जी द्विवेदी के हम म्रत्यघिक प्ाभारी हैं. जिन्होंने हमारे निवेदन पर प्र थ सूची पर पुरोवाक्‌ लिखने की महती कृपा को है । जन साहित्य की शोर पघ्रापकी विशेष रुचि रही है झौर हुमें प्राशा है कि प्रापकी प्रेरणा से हिन्दी के इतिदास में जैन विद्वानों को कृतियों को उचित स्थान प्राप्त होगा । राष्ट्रसत मुनिम्रबर श्री विद्यान दजी महाराज का हम किन शब्दों में प्रभार प्रकट करें । मुनि थी के झाशीर्वाद हो हमारी साहित्यिक साघना का सबल है । १-१-3२ कस्तुरचन्द कासलीवाल प्रनूपसन्द न्यायतीथ




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