राजस्थान के अज्ञात ब्रजभाषा साहित्यकार भाग - 8 | Rajasthan Ke Agyat Brajabhasha Sahityakar Bhag - 8

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Book Image : राजस्थान के अज्ञात ब्रजभाषा साहित्यकार भाग - 8  - Rajasthan Ke Agyat Brajabhasha Sahityakar Bhag - 8

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लेखक व साहित्यकार का परिचय
नाम - मोहनलाल मधुकर

जन्मतिथि- 13 अगस्त, 1936

पिता- पं. भँवर सिंह, व्यवसाय-कृषि

माता- श्रीमती कम्पूरी देवी, सद्गृहिणी

जन्म स्थान- ग्राम धौरमुई, जिला-भरतपुर (राजस्थान)

शैक्षणिक योग्यता- एम. ए. (हिन्दी), एम.एड.

पत्नी- श्रीमती निर्मला देवी, सद्गृहिणी

पुत्र- 1. डॉ. महेश कुमार शर्मा एम.डी. (आयुर्वेद), एसोसिएट प्रोफेसर राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर
2. अनुराग मधुकर एम.एस.सी. कृषि सांख्यिकी (स्वर्णपदक प्राप्त), कम्प्यूटर प्रोग्रामर राजस्थान सचिवालय, जयपुर
3. आदर्श मधुकर, एम.ए. (हिन्दी) बी.एड., सर्टीफिकेट कोर्स इन कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग, एम.जे.एम.सी., विशेष संवाददाता

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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22 बराबर क॑ आमिगे । कज कर के जेवर जाटों बतवायों । बाजे तादे करे । बेटी वारे ने तीन ठिकन मे सुखे टरकाय दिये । छे महीना पीछे जब अपनी छोरी को ब्याह करनों परो । अब जो आमतों वाई कहतों बन्द लिफाफे मे भौत माल लियो अब देवे के बखत थवों हाथ खेच रहे आओ ।' बडी मसुसकिल से जान फंप गई । मेरो रूपक बन्द लिफाफो' मैंने या घटना ते प्रेरणा पाय के लिखों । हमारे एक मित्र की पत्नी, आच्मी ए आदमी नॉय समझती अपनी धुन मे रहती जो म्हौडें मे आमती भक्क सो निकार देती । जे नाय सोचती सुनबे वारे ए कैसी लगेगी ? “भाभी रेखाचित्र विन पैई आधारित ऐ । ऐसे ई मेरी कहानी, आसपास की घटना जो मैने देखी सुनी, भोगी और समझी बिन पई लिखी भई ऐ। हमारे समाज मे भौत से घरन मे बडेबुढेंन की ठीक ढग ते देखभाल नाय करी जाय पर बिनके मरबे कं, पीछे नुक्ता करौ जाय गाव के गॉम बुलाये जॉय । “जीमत कता पूछी ना बात, मरे बुलाई नाइन हात' 'मत्युभौज' याई भावना प आधारित रूपक ऐ ।' जब कबहू कोऊ बात मोय प्रभावित कर जॉय । मन ए छू जॉय॑ तो मै वाए समाज के सामई लावे को प्रयत्न करू” । सामग्री समाजते लऊ समाज कु परोस दऊ । याए आप कछू समझ लेओ । रचना प्रक्रिया कहालेऔ । रचना के ताने बाने कहलेओ । रचना की कहानी कहलेओ । -भीमती विनोद कुमारी किरण




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