आर्गेनन | Organan

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Organan by महात्मा सैमुएल हैनिमैन - Mahatma Saimuel Hainimen

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(ठ ) विषय सूत्र संख्या वाहरी प्रयोगकी दवाओंसे और क्‍या हानि होती है ? यदि ऐसे स्थानिक रोगोंमें सम्पूण॑ सम-लक्षण-सस्पन्न औषधका प्रयोग म दो ? न पर यदि बाहरी दवाधोंसे स्थानिक रोग दूर न किये जायें, तो क्या सुविधा होती है ? शरीरके मीवर दाये रोगसे जीवनी-शक्ति अपनी रक्षा कसे करती है 2 नस यदि प्राचीन चिकित्सक मलइम, प्रलेप बादि लगाकर ये स्थानिक रोग नष्ट करें; तो क्या परिणाम होगा ? क्या स्थानिक रोगोंका बाहरी इलाज ही अनशिनती पुरानी बीमारियोंका कारण है ? +्न० ये पुरानी बीमारियाँ किन रोग-वीजोंसे उत्पन्न होती हैं ? होसियोपेथिक चिकित्सक इन स्थानिक रोगोंकी किस ढंगसे चिकित्सा करते हू ? किसी पुरानी बीमारीका रोग-बीज कंसे अनुसन्धान करना चाहिये ? कर रोग-बीजके अनुसन्धानके वाद धर क्या जरूरत पड़ती है ? रोगीमें क्या-क्या देखना चाहिये ? ०० इसके बाद भी कया सम्पूर्ण लक्षण लेना आवश्यक है ? एकांगी रोगोंका- मूल कारण कया है ? कया ये ही मानिसिक रोग हैं ? क्या रोगीकी मानसिक अवस्था ही ओषर्ध-निर्वाचनमें , प्रधान .* सहायक होती है ? ++ क्या थौषधघ मनको बदल देती है ? दर « यदि मानसिक और प्रझृतिगत लक्षणॉपर ध्यान न दिया जाये १ मानसिक रोग कैसे आरोग्य किये जा सकते हैं ? १६८ १६६ २०० २०१ र्भ्र २०६१ श्०्४ र्‌ण्श् २०६ २०७ र्ण्प रभ्ट २१० र्१्१ २२९२ रद्द र१४




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