आर्गेनन | Organan

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Organan by महात्मा सैमुएल हैनिमैन - Mahatma Saimuel Hainimen

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( 5 ) विषय सूत्र संख्या बाहरी प्रयोगकी दवाओंसे और क्‍या हानि होती है ? यदि ऐसे स्थानिक रोगोॉमें सम्पूर्ण सम-लक्षुण-सम्पन्न औषघका प्रयोग न हो ? न पर यदि बाहरी दवाओंसे स्थानिक रोग दूर न किये जायें, तो क्या सुविधा होती है? शरीरके भीतर अये रोगसे जीवनी-शक्ति अपनी रक्षा केसे करती है ? ৮৪5 यदि प्राचीन चिकित्सक मलहम, प्रलेप आदि लगाकर ये स्थानिक रोग नष्ट करें, तो क्या परिणाम होगा ? क्या स्थानिक रोगोंका बाहरी इलाज ही अनगिनती पुरानी बीमारियोंका कारण है ? न ये पुरानी वीमारियाँ किन रोग-बीजोंसे उत्पन्न होती हैं ? हो मियोपेथिक चिकित्सक इन स्थानिक रोगोंकी किस ढंगसे चिकित्सा करते ६ ? किसी पुरानी वीमारीका रोग-वीज कसे अनुसन्धान करना चाहिये ? ५ रोग-बीजके अनुसन्धानके वाद और क्या जरूरत पड़ती है ? रोगीमें क्या-क्या देखना चाहिये ? ~ इसके बाद भी कया सम्पूर्ण लक्षण लेना आवश्यक है ? एकांगी रोगोंका- मूल कारणक्या है ? क्‍या ये ही मानिसिक रोग हैं ? क्या रोगीकी मानसिक अवस्था ही ओषध-निर्वाचनमें प्रधान „` सहायक होती दै ? *** क्या औषध मनको बदल देती है ? , « यदि मानसिक और प्रकृतिगत लक्षणोंपर ध्यान न दिया जाये १ मानसिक रोग क्रमे आरोग्य कयि ना सक्ते ट? १६८ १६६ २०० २०१ २०२ २०१ २०४ २०५ २०६ २०७ २०८ २९६ २६० २९१ २१२ २१३ २६४




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