धरती हमारी है | Dhartee Hamari Hai

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Dhartee Hamari Hai by रामचंद्र टंडन - Ramchandra Tandan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पहला हृदय लेग (उसके समीप भट झ्राकर) झरे नही । तुम्हारा सिरददद अब शुरू होगा, स्टोपा ! हम बहुत सीधे वने रहे--अब जान लिया कि इससे काम न चलेगा (दरवाजे की श्रोर बढ़ता है) '* जो तुम क्या करने जा रहे हो ? लेग तुम्हारे लिए सौगात भेज्ूंगा । जो (शान्त होकर) मैं तो तुमसे सीधे में पूछता हूँ, तुम व्या करने जा रहे हो ? लेग तुम्हें कादसी की सेना का सेनापति बनाएंगे । जो (क्रोध को चद्दा सें करते हुए) भ्रच्छा, मिस्टर लेग। जो करना हो करो । सिफं अब यहां न झाना श्रागे कभी **' लेग कौन कहता है ? में कहता हूँ । इस घर में तुम्हारी जरूरत नही है । लेग हम तुम्हारे दुलावे की वाट नही देखते, स्टोपा । जहां जी थ् श्७ डे




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