जैन भजन रत्नावली | Jain Bhajan Ratanavali

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Jain Bhajan Ratanavali by न्यामत सिंह - Nyamat Singh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्र र्श [ चाझ- | नांटस [ लोन कष्टरदा ] नोट--राम का लक्भन को सीवा की तलाश करने का इुक्म देना । देखो लडमन इयर उपर फर टोकझर तीर समान संगक्ष देखो-दरिया देखो-देखो थूम घमान | सिर कदर दे अन्दर याइर-जहां कईी मिले निशान / मेरो हाल-रं बेशल-जी निषाएं- इखकाल-पर खयाल ॥ देखो सक्बय० | जल्दी गगन करो-देरी नहीं करो । मेरे बन का गम इरो-फरमें धतुष बरो- करके ध्यान ॥ देवों लद॒प्रन ० ॥ भ्छ [ चाल ] नाटक [ताज करवा मेरी रानी ली सानी क्या डर है नोट- लच्पण का ख्ूर दुषन से लड़ने . दे दिये राबचद्र जी से आशा मांगना |! मुझे नानेदो शा कर इर हैं, तुस्टें काइका पता फिकर हैं ले भनुषदाण माता हूं , इस सूयकों गिय आता हूं अभीला, दर दिखा, झाम पनाएँ जस्ट्री शा | दिल में न कोई फिकर हैं, दुस्दें काई का एता फिफर है।




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