तीर्थकर वर्द्धमान भाग - 1 | Thirthakar Varddhaman Bhag - 1
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
19 MB
कुल पष्ठ :
515
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)| ड |
बुराइयों और जड़ताओंके विरुद्ध जो तुमल मोर्चा लिया, उसका सहज
चित्र सामने श्रा जायगा ।
विदेशी विद्वानोंका अनुसरणकर महावीरकी जन्मभूमि वेश्ाली
मानी जाने लगी है पर लेखकका मत हू कि वंदाली महावीरको
जन्मभूमि नहीं हो सकती । उनकी जन्मभूमि क्षत्रियकुण्ड ग्राम
( पुर) था । इस विषयकी चर्चा जोवनीमें जन्मभूमि दोष॑कके
भ्रन्तगंत ग्राई हैं ।
इस पुस्तकके लिखनेमें जिन-जिन विद्वानोंकी पुस्तकोंका सहारा
लेना पड़ा है, उनके प्रति लेखककी हार्दिक कृतज्ञता है ।
'जीवन-साहित्य के सम्पादक सह्ृदय भाई यद्वपालजी जनन मेरे
अनुरोधकों स्वोकारकर भूमिका लिखनेकी कृपा की, उसके लिए में
उनका हादिक आभार मानता हु ।
यह जीवनी महावीरका प्रामाणिक जीवन-परिचय देनेकी दुष्टिसे
लिखी गई है। यदि यह प्रयास उस दिशाम थोड़ा भी सफल रहा,
तो मं अपनेको कृतकृत्य समझूंगा ।
दे ३ पांचागठोी
कलकत्ता हे श्रीचन्द रामपुरिया
ता० २८४५३ प
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