भारत मे दृश्य श्रव्य शिक्षा | Bharat Mein Drishya Sharbya Shiksha

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Bharat Mein Drishya Sharbya Shiksha  by सुजीत के चक्रवर्ती - Sujit K Chakravarti

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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तीसरी पंचवर्षीय योजना में इस प्रकार के प्रद्यिक्षण की व्यवस्था व्यापक पैमाने पर की गई है। हृद्य-श्रव्य शिक्षा के राष्ट्रीय संस्थान द्वारा शिक्षा के विभिन्न स्तरों के लिए विभिन्न पाठ्यक्रमों की भी व्यवस्था की जाएगी । तृतीय पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत बनाई गई उत्पादन योजनाओं में ऐसी स्लाइडॉं; स्लाइडपुस्तिकाओं,; फिल्मपड्ियों तथा १६ मि० मी० की फिल्‍मों का निर्माण शामिल किया गया है जो कक्षाओं में प्रयोग के लिए उपयुक्त हो । दोध और मूल्यांकन योजनाओं के अन्तगंत पहले से प्रयोग में आनेवाले दृश्य-श्रव्य साधनो' और सामग्री का व्यवस्थित मूल्यांकन किया जाएगा । विस्तार योजैनायें केन्द्रीय फिल्म पुस्तकालय को और अधिक विस्तृत बनाने तथा दृद्य-श्रव्य दिक्षा के सभी पहलुओं पर उपयोगी साहित्य का व्यापक प्रकाशन करने से सम्बन्धित हैं । दृश्य-श्रव्य शिक्षा की राष्ट्रीय परिषद्‌ की और चार बेठकं ः किस, परिषदू की तीसरी बेठक जनवरी १९५९ में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री आर पि० नायक, भाई. सि. एस. की अध्यक्षता में नई दिल्ली में हुई । द्वितीय पंचवर्षीय योजना में शामिक्त एतदूसम्बन्धी योजनाओं के, कार्यान्वयन के विषय में राज्य (एलन तलानकदजानितरमाद सदर ह्नतम लिकमवानिपरमिं। _ हृश्य-श्रव्य शिक्षा की राष्ट्रीय परिषद्‌ की तीसरी बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्री आर० पी० नायक [ मध्यमें ] दी .... ( शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के सौजन्य से ) २३...




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