बुन्देलखण्ड में इस्लाम धर्म का प्रादुर्भाव एवं प्रभाव | Bundelkhand Me Islam Dharm Ka Pradurbharv Avam Prabhaw

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Bundelkhand Me Islam Dharm Ka Pradurbharv Avam Prabhaw by अनीता दुबे - Anita Dubey

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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| उसप्लसकस्कास (8) हैं। वर्तमान समय में बुन्देलखण्ड में तीन हजार पांच सौ वर्ग मील क्षेत्र शामिल है। रामायण काल में इस क्षेत्र में दंडकारण्य और महाभारत काल में चेदि और दर्शाण चन्देलखण्ड और दक्षिणी भाग बुन्देलखण्ड के अंग थे। मोतीलाल त्रिपाठी “अशान्त”' ने बुन्देलखण्ड के अन्तर्गत झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, बादा, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, शिवपुरी, गुना, दतिया, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, विदिशा, जबलपुर, सिवनी, सागर, दमोह, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, मण्डला, बालाघाट, रायसेन, हुसंगाबाद और बैतूल को माना है। लेखक के अनुसार- बुन्देलखण्ड की प्राचीन सीमायें उत्तर में यमुना, दक्षिण में नर्मदा, पूर्व में टौंस और पश्चिम में चम्बल नदी तक मानी जाती है। बुन्देलखण्ड विन्ध्यपर्वत माला में स्थित है तथा यह भारत के मध्य में कर्क रेखा में स्थित है। इसका अक्षांश 26.23 और देशान्तर 28.82 के लगभग है। इतिहासकार राधाकृष्ण बुन्देलखण्ड बुन्देली के अनुसार- इसका सीमांकन उत्तर में यमुना, दक्षिण में नर्मदा, पूर्व में टॉस तथा पश्चिम में चम्बल नदी तक किया जा सकता है, यह प्रदेश लगभग 800 वर्ष पुराना है। इसके पहले इसे बुन्देलखण्ड के नाम से नहीं जाना जाता था। उनके. अनुसार ग्वालियर राज्य के भिंड, गिरिनखर, इसागढ़, भेलसा तथा भोपाल राज्य का उत्तरी-पूर्वी भाग मध्य प्रदेश के सागर, दमोह, और जबलपुर जिले, रीवाँ जनपद की पश्चिमी तहसीलें, मिर्जापुर का कुछ भाग, इलाहाबाद, बाँदा, हमीरपुर, जालौन तथा झांसी जिले बुन्देलखण्ड के भाग है। जिस क्षेत्र पर गौड़ो ने राज्य किया, वह भी बुन्देलखण्ड का अंग था। बुन्देलखण्ड कुल मिलाकर 40 शासकों के आधीन था, अर्थात्‌ यह क्षेत्र 4० रियासतों में अलग-अलग विभाजित था, जो अपना शासन . प्रबंध देखती थीं ।”स्‍ बुन्देलखण्ड के सीमांकन के सन्दर्भ मे कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है - भैंस बियानी आगरा पड़ा हुसंगाबाद। लगवैया है सागरे चपिया रेवा पार।। कुल मिलाकर बुन्देलखण्ड का वही सीमांकन सही प्रतीत होता है, जो सुप्रसिद्ध इतिहासकार दीवान प्रतिपाल सिंह ने निर्धारित किया। बुन्देलखण्ड की सीमांकन के आधार- ल्‍ किसी भी परिक्षेत्र की सीमा निर्धारित करने के लिए कुछ मौलिक सिद्धान्तों का. निर्माण करना पड़ता है, उसके पश्चात किसी भी क्षेत्र का सीमांकन आसान हो जाता है। ये सिद्धान्त निम्नवत होते है :-. 1. सीमांकन का प्राकृतिक आधार- किसी भी परिक्षेत्र की सीमा निर्धारित करने के लिए प्राकृतिक अथवा भौगोलिक आधार आवश्यक है। बुन्देलखण्ड का सीमांकन चार नदियों को आधार मानकर कर किया गया। पूर्व में इसका सीमांकन टॉंस नदी, पश्चिम में चम्बल नदी, उत्तर में यमुना नदी तथा दक्षिण में नर्मदा नदी . करती है। बुन्देलखखण्ड का सीमा निर्धारण धरातलीय बनावट के आधार पर किया गया है। प्रसिद्ध ... भूगोलवेत्ता श्री एस०एम0 अली ने, पुराणों के आधार पर, विन्ध्यक्षेत्र के तीन जनपदों विदिशा, दशार्ण




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