तरुण गार्ड भाग 1 | Tarun Gard Bhag 1

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Tarun Gard Bhag 1 by ओकारनाथ पचालर - Okarnath Pachalar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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स्तालिनग्राद तक चले गये थे। हा, उस ट्रैक्टर-कारखाने में जिसमें अब टक बनने लगे ह। शरद में जमन दोनवास के इलाके में घुस पडे थे झौर उन्होंने तगनरोग श्रौर रोस्तोव ्रॉन दोन को अपन कब्जे में कर लिया था। पूरे उनइन में केवल वोरोशीलोवग्राद प्रदेश ही श्रभी उनके कंजें में नहीं था सका था । उनदनी सरकार के अ्रधिकारी , सेना के साथ साथ कीयेव से हटकर चीरोशीलोवग्राद चले. गये. श्रौर वाराशीलोवग्राद और स्तालिनो (पहले का यूजोब्का) के प्रादेशिक झधिकारी क्रास्नोदोन चले गये । शरद के श्रन्त में, जव तक कि दक्षिणी मार्चा सुस्थिर न हो गया, दोनवास के अधिकृत क्षेत्रों से लोगा का श्रनस्त प्रवाह नास्नोदान से होकर गुजरता रहा । सडकों की लात कीचड़ को रौदते हुए लोगा का रेला ऐसा लगा कि बीचड बढती जा रही है क्योकि स्तेपी से झानवाले लोग उसे अपने जूतों में चिपकाये चले झाते हू। स्कूली वच्चो को सरातोव प्रदेश में स्थानान्तरित करने की तैयारिया कर ली गयी थी। लेकिन जब वोरोशीलावग्राद से काफी दूर पर जमनों का श्रागे बढना रोक दिया गया तो उन बच्चो को वहा से हटाता भी स्थगित कर दिया. गया। रास्तोव श्रॉन-दोन को फिर से श्रपने श्रधिकार में कर लिया गया और जाडे मे , मास्को की श्रोर बढ़ते जमनी को मुह की खानी पड़ी । श्रब लाल सेना ने हमले करी शुरू किये भर हर कोई यहीं झाशा करने लगा कि भ्रव स्थिति सुधर जायगी। युद्ध के पहले हफ्तों में पिताश्ो और भाटयों के मोर्चे पर चले जानें से घर सूमे सुने भ्रीर खाली खाली से लगते थे। झब उठी झ्ारामदेह घरो में झजनबी धरा श्राकर रात काटने सगे थे श्रौर बच्चे उदह् देखने के श्रादी हो चुके थे। श्रास्नोदोन में पक्के पत्थरों से बने घर , पेवोमाइस्वी में किसानों के घर, यहा तक कि 'झाघाई” के पडोस में मिट्टी से पते छोटे छोटे 3-श186 ७




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