नेताजी सम्पूर्ण वाड्मय खंड 8 | Netaji Sampurn Vangmay Khand 8
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
359
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about शिशिर कुमार बोस - Shishir Kumar Bose
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)जता
में शामिल नहीं किया गया है। 1934 के पूर्वाद्ध मे वे एक महिला से मिले, जिससे
बाद में उन्होने विवाह भी किया। 1934 में द झडियत स्ट्यल लिखने के दौरान और 1933
से 1936 के मध्य राजनैतिक गतिविधियों में एमिली शैंक्ल ने उनको बहुत मदद को। अपनी
यूरंप यात्रा के दौरान उन्होंने उनके साथ पत्र व्यवहार कायम रखा और 1937 में भारत
लौटे के बाद तो उन्होने लगातार उन्हे पत्र लिखे। एमिली शैंक्ल को लिखे पत्नो को
और 1937 के पूर्व के पत्रों को इस सकलन कार्य के विशेष अक खड-7 पे प्रकाशित
किया. गया है।
मपादक गण सुभाष चद्र बोस के सहयोगियों व उन सभी मित्रो का आभार व्यक्त
करना चाहते हैं जिन्होंने नेताजी के सभी पत्र 'नेताजी रिसर्च ब्यूरे' को सौंप दिए। स्वर्गीय
नाओमी सी वैटर के हम विशेष आभारी हैं क्योकि उनके द्वारा दिए गए पत्रों स ब्यूरो
के खजाने में अपार वृद्धि हुई है। कई यूरपीय मित्रो ने भी सामग्री एकत्र करने में हमारी
सहायता की है। ओरिएटल इस्टीट्यूट, प्राग के भूतपूर्व निदेशक डॉ. मिलोस्लाव क्रासा ने
चेकोस्लोवाकिया के समाचार-पत्र हमे उपलब्ध करवाए। जर्ममी के अलेक्जैंडर बर्थ ओर डॉ
लोधार फ्रैंक ने भी अपनी अमूल्य सेवाएं हमे दौ। ए. गार्डन, किसी भी अन्य व्यक्ति
की अपेक्षा सुभाष चद्र बोस के जीवन को अधिक जानते थे, का भी यही प्रयाम था
कि यह सकलन पूर्ण होना चाहिए। अभिलेखागार के विषय मैं श्री नागा सुदरम का गहन
ज्ञान सपादकों के लिए असाधारण झ्लोत था जिसका उन्होंने पूर्व-पूण लाभ उठाया। श्री कार्तिक
चक्रवर्ती ने इसके कई ड्राफ्ट सावधानीपूर्वक टाइप किए। शर्मिला बोस व सुमतरा बोस में
इस कार्य के विविध चरणों में अपनी सहायता हमें दी। हम लोग नेताजी को पत्नी एमिली
शैंकल व उनकी पुत्री अनीता पेफ के विशेष आभारी हैं जिन्होंने नेताजी के सपूर्ण कार्यों
का कापी राइट ब्यूपे को सौंप दिया तथा समय-समय पर ब्यूरो के कार्यों को प्रात्साहित
भी किया। इस ब्यूगे को प्रसन्नता है कि आक्सफोर्ड यूमिवर्सिटी प्रेस, दिल्ली से उसका
'एक समझौता हुआ जिसके तहत इस अक व सपूर्ण वाड्मय के वितरण का कार्य आक्सफोर्ड
यूनिवर्सिटी फ्रम को सौंपा गया। आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी फ्रेस के श्री रूकुन आडवाणी कं
भी हम अभारी हैं जिन्होंने इस कार्य में रुचि दिखाई और अपना सहयोग हमे दिया। अत
में हम बताना चाहेंगे कि इस अक का प्रकाशन शिक्षा मत्रालय, भारत सरकार की सहायता
व अनुदान स किया जा रहा है।
शिशिर कुमार बोस
सुगता बोस
नेताजी रिसर्च ब्यूरो
कलकत्ता
मार्च 1994
User Reviews
No Reviews | Add Yours...