नया सोवियत संविधान भारतीय मूल्यांकन | Naya Soviyat Svidhan Bharitya Mulyankan

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Naya Soviyat Svidhan Bharitya Mulyankan by जितेन्द्र - Jitendra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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दिया गया है। सोवियत राज्य भ्रव सम्पूर्ण जनता का सर भेहनतककों, किसानों, जुद्धिजीवी वर्ग और देश की सभी ही और जासीयताशं के मेहनतकश लोगों फी इच्छा और उनके ह्व्तों प्रमिष्यक्त करता है। मेहनतकशों और किसानों के राज्य से जनता के राज्य में परिवतेन का यह महत्व कया है ? ढ _. छाज सोवियत संघ में मेहनतकदा वर्ग जनसंख्या का दो-सिंहाई है जो शिक्षित है घौर-तकनीकी दृष्टि से समर्थ है तथा राजनतिरक दृष्टि से परिपम्य है और राज्य के मामलों पौर उसके कार्य संचालन मैं उनकें सहभाग की माघा काफी प्रघिक बढ़ गई है। किसानों में भी ऐसा हीं परियर्तन दिखलाई पढ़ता है। साज के सायूहिक किसान करा मानसिक स्वभाव समाजवाद के झाधार पर निर्मित है, क्योंकि यह सामूहिक फार्म पर जन्मा और पालित-पोषित हुवा है । वह शिक्षित भी है आर भाषु- निकतम तकनीकी सुविधाएं उसकी सेवा के लिए तैनात हैं। वुद्धिजीवी वर्ग भी कम्युनिज्म के निर्माण में अधिकाधिक महत्वपूर्ण सूमिका अदा फर रहा है। नए संविधान की दूसरी महत्वपूर्ण विदिष्टता “विदेश नीति” पर नया अध्याय है (अध्याय ४) । २८वें भनुच्छेद में यह कहा गया है कि सोवियत सघ शान्ति व अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने थाली लेनिनवादी नीति का दुढतापूर्वक अनुशीलन कर रहा है। इस भष्याय में कहा गया है कि सोवियत संघ की विदेश नीति का लक्ष्य ऐसी श्रन्तर- राष्ट्रीय स्थितियों को सुनिदिवित करना है, जो सोवियत संघ में कम्युनियम के निर्माण के लिए, विश्व समाजवाद की स्थितियों के सुदुढ़ीकरण, राष्ट्रीय मुक्ति एवं सामाजिक प्रगति के लिए संघर्परत जनगण के समर्थन, आाकमक युद्धों को रोकने, सा्मीमिक एवं पूर्ण तिरस्त्रीकरण हासिल करने भौर विभिन्‍न सामाजिक प्रणालियों वाले राज्यों के शांतिपूर्ण सह- अस्तित्व के सिद्धान्तों के क्रियान्वयन के भ्रनुकूल हों । इसमें दो टुक दाब्दों मे कहा गया है कि सोवियत संघ में युद्ध के लिए प्रचार वर्जित है । नए संविधान की अन्य महत्वपूर्ण विशिष्टता सर्वोच्च सोवियत के श्घ




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