अर्चना | Archana
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4.29 MB
कुल पष्ठ :
121
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about श्री सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' - Shri Suryakant Tripathi 'Nirala'
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अचमा ् भज भिखारी विश्वभरणा सदा अशरण-शरण-शरणा | मागें है पर नहीं आश्रय चलन है पर निर्देलन-झय सहित-जीवन मरण निश्चय कह सतत जय-विजय-रणना । पतित को सित हाथ गहकर जो चलाती हैं. सुपथ पर उन्हीं का तू सनन कर कर पकड़ निश्शर-विश्वतरणुाः । पार पारावार कर तू मर विभव से अमर बर तू रे असुन्दर सुघर घर तू एक. तेरी. तपोवरणा। कु १ रे १-५०
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