प्रारंभिक रचनाएँ भाग - १ | Praarambhik Rachnaaen Bhag - 1
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
70
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मगलारभन
प्रियतम, मैंने बनने को तेरी सुंदर श्रीवा का हार,
ललित बहिन-सी कलियाँ छोड़ीं,
भाई-से.... पल्लल.... सुकुमार,
साथ-खेलते. फूल, खेलती-
हा हि
साथ तितलियाँ विविध प्रकार,
गोद-खेलाते हुए... पिता-से
पौचे का मद स्नेह अपार,
मात्य-सी प्यारी क्यारी का
सहज सलोना, 'सरल डुलार,
बाल्य-सुलभ-चांचल्य चपलता
छोड़ी, बँधी नियम के तार,
छोड़ा निज... क्रीड़ाशुभस्थली
शुभ्न वाटिका का. घर-द्वार;
'प्रियतम, बतला दे झाकर्षषक है क्यों इतना तेरा प्यार !
सार प० २
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