श्री वर्धमान महावीर भाग - 3 | Shri Vardhaman Mahaveer Bhag - 3

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Shri Vardhaman Mahaveer Bhag - 3  by दिगम्बर जैन - Digambar Jain

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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एन प्रकार युद्धों से छुटकारा नहीं होता । यदि केंसरे जरमनी को हरा '. दिया तो उससे भी भयककुर दिटलर उत्पन्न होजाता है । युद्ध से श्र. नष्ट हो सकते हैं परन्तु शत्रुता न्ट नहीं होती ।._ ५ कुछ लोगों का खयाल है कि ऐटामिक बम्बों तथा दैडरोजन . बस्बों के मय से शान्ति को स्थापना हो सकती है। एक देडरोजन बम्ब पर 5 2000000000* ब्र्थात (5 दे (नर पशि6 है४. 100/5) लगभग १० अरब रुपया खर्चे होता हे श्र फिर भी रूस के प्रसिद्ध विचांरक 0. 701500% के शब्दों में “आग से झाग को नहीं बु्ांया जः सकता” । प्रा० है 8<र-हांफडलंघ भी इस बात की पुष्टि फरते हुए कहतें हैं “हिंस्ग को हिंसा से नहीं मिंटांया जा सकता” * । अमेरिका के वंज्ञानिक 07. त8त05९ हर, ममण०6 के कथनानुसार -”जा भयानक हथियारों से दूसरों को मिटाना चाहते हैं, वे अपनी कब्र अपने हाथों से खोकदरहें हैं । विश्व के सर्वेमान्‍्य राजनीतिज्ञ भारत के प्रधानमन्त्री पं८ नेहरु के शब्दों में इस समय सारा संसार बड़ी विषम परिस्थिति से गुस्तर _रहा हे श्रीर इस से बचाव का केवल एकमात्र उपाय श्हिंसा है”*।. बरूट तंदाटतार्त छदवाइ8त बरतें हुए! छिध।ह+, रिणाठ्मंणड्ट घट वर्धा ण साल कट प्राधऐ हटा 8 फ़0ा86. दि . ० हि, छत ए गकॉडडड धह. प्रेहडकि00 दरिंड ०01 की हह8पॉड एक ए 0पिफी: ऊताडदा' दव पडा प्राफा0 ” ्िप्प्रास्ट 0१ ह.0एं5 सिध्टिटश, फू. 11. व हु थएट४ हि 21001: [07140 एटसंटणा, (1950) फ, 785 दुणठाघण क्िधतेट छणाट्पंण (0४६, तह 7वते8 (16-8-90) छ. 75 एक 80 ?९8८८ 9 0. 15105, संघ हप' 5 88592. १0०. (0८ छृग0116 88 तह ८९ पंए8४, पफा056 भा 81९ जाए (6 5८ फाट80०0४ लि (96 ॥ठं01घट्, शाएड1 9९ छाष्कुबा€ पे ंप 1लपाए 10 ८०८७1 8घंट्रातड 10 पट 08787, सण्ताबण हित्संट्ज (1950) हि, 788, ७. ८ फ0110 ४ एबं एपा०एड्ूफ 8 एटा ८पंपंट81 9८5८, बट छह 0८15 81९ एणं5 घर 2[051. 00८ 800110८71, धाश्ट्त एप (प€. 'ाइ०त देटावशिकटिशड ध्ाथप्ूण्ण्यन ज च्या, ए6४ + हैपरि53 1,048 0 50176 [९ 010016005, जासाघपड था पफितट, चिट फट (5 छा] 20; 1954.) ए 1. . रच ं ः नदी) दा कई हल 5




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