श्री वर्धमान महावीर भाग - 3 | Shri Vardhaman Mahaveer Bhag - 3
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
17 MB
कुल पष्ठ :
556
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)एन प्रकार युद्धों से छुटकारा नहीं होता । यदि केंसरे जरमनी को हरा
'. दिया तो उससे भी भयककुर दिटलर उत्पन्न होजाता है । युद्ध से श्र.
नष्ट हो सकते हैं परन्तु शत्रुता न्ट नहीं होती ।._ ५
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फिर भी रूस के प्रसिद्ध विचांरक 0. 701500% के शब्दों में “आग
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भी इस बात की पुष्टि फरते हुए कहतें हैं “हिंस्ग को हिंसा से नहीं
मिंटांया जा सकता” * । अमेरिका के वंज्ञानिक 07. त8त05९ हर,
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मिटाना चाहते हैं, वे अपनी कब्र अपने हाथों से खोकदरहें हैं ।
विश्व के सर्वेमान््य राजनीतिज्ञ भारत के प्रधानमन्त्री पं८ नेहरु
के शब्दों में इस समय सारा संसार बड़ी विषम परिस्थिति से गुस्तर
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