ज्ञानगंगा | Gyanganga
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
30 MB
कुल पष्ठ :
790
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ज्ञानगंगा
क्या राजनेता, क्या सिपाही, क्या वनिया, क्या कारीगर,--
सभीके कामका खज़ाना है. लड़का पढ़ने लगे तो हरज़ नहीं,
लड़की पढ़ने लगे. तो हरज नहीं. समसमे आ जाय तो नफ़ा
ही नफ़ा ।
इस किताबमें आप सन्तोंसे मिलिये; महात्मा से मिलिये;
राजनेताओं से मिलिये; बहादुर सूरमाओंसे मिलिये; नंगे फ़क़ीरों
से मिलिये; कथवियासे मिलिये; और फिर चाहे नर नारायनोसे
सिलिये, और पूजाके योग्य देवियों दौर नारियों से मिलिये.
ज़रूरत तो इसकी बहुत दिनोंसे थी; अब आई अभी सही.
यह ठीक है कि यह आपकी पूरी भूख न मिटा सकेगी; पर
ज्ञानकी भूख मिटाना ठीक भी नहीं. और फिर ज्ञानकी भूख
मिटा भी कौन सकता है ?
४० प, हनुमान रोड, --सगवानदी न
व वानद
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