सूर्यसारणी | Suryasarani
श्रेणी : ज्योतिष / Astrology
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
54
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)श्र
जोड़ कर) करनी ह।गी श्र तब सारणी ११ तथा १४
से फलों का निकाक्तना होगा |
इन फल्ोंको पैरा ( ३ )से प्राप्त सस्कारोंमें
जोड़ो (यह मानकर कि अहगंण २८, १२'८,...के लिये
प्रह-पंस्कार वह्दी होगा जे। अ्रहगंण २, १२,...के लिये
है) । इस उद्दे्यसे कि बार-बार श्रदगंण श्ादिको न
कछिखना पढ़े वपंके प्रत्येक दिनकेल्तिए एक स्तंभ बना
बना चाहिए शरीर उचित स्तंभोमें पैरा ३ तथा वर्तमान
पैराके सस्काररोंको लिखना चाहिए (उदाइरण देखो) ।
(५) अब ग्रहसंस्कार +- सारणी ११, 9 श्के सम्मि-
लित संस्कारों को झंत:क्षेपण द्वारा प्रति पाँचवें दिन
के लिए निकाको, श्रीर उनके नीचे सारणी १२, १३ से
[ सू्यंसारणी
निकले फर्क को लिख लो, श्रौर तीनों को जोड़ ढालो ।
(६) भअंतःक्षेपण द्वारा उपर के योग का मान अब
शेष स्तरों में भी, थ्र्थात् प्रति दिन के लिए, भर लो ।
फिर प्रत्येक के नीचे सारणी १४ तथा १६ के भी फल
श्रह्गंण ०७७१, १०७१, २७७१ झादि के लिए लिख
लो। अंत में भो का मान भी इन थझगंगों के लिए
(सारणी २ झ्रौर ४ ग से) लिख लो । चारों के जोदबने
पर शभीष्ट भोगांश मिल जायगा ।
उदाहरण--सन १९४० ई० में सुय॑ का भोगाँश
प्रत्येक दिनके लिए युद्ध के पहलेवाले भारतीय स्टेंडड
मध्याह्म पर निकालो ।
ं गदयाणणाा
मध्याह्म की न
जज ही
सरल नवरी १ २ द ] पं न & श्घे
गए लि ररि | ब्लंब लफलर | बह हा | सर | एप अं 1 आग लए 'मिनलववग
हगंण | -१ न ०७७१ ०७७१. |. ११७५१ २७७१ ३७७१ ७१७७१ १२७७१
सा० | उपकरण ३४
७-१७०। गच्न्9 दू् १३१८०
१५१ | दे5१ १ ११६
१४ | ६११ न्््प ने
योग, १३१६ १४'६। 1१३
१९ | द२६'४ १११ १९३
१३ | द-र६'४ गज रे
योग, १७११ १७*१ १७११ १७११ १५७११ 1७791
१४ | २३३७ *७ १६ १्श्र न्घ ११३... |
१६ | ३२०८ -४२२'४ -र २११ -१8६१७ १ ३६१७ ३४१११ ,..
२ | १४४० १ 8 २०१३ | १ 8 २७३ १ 8 २७३ । १ 8 रे७ ३ १ 8 २४३ न
४(ग) जनवरी १. २८० ३४ ध३'४ रप१ ३३ श१'8 ८२ ३३ ०'२ २८३ ३२ ८ रे ३१ १६८
योग > अभीष्ट भोग ० २८१ ४०
६२ र८र ४१ ११'८ |र८३े ४२ २११ रे०४ ७दे देरे' ४ रप८१ ४४ ४३१३
कइस रत भ्मे उपकरणका मान उस स्तंभके श्रहदगण
के क्निए है जिसमें इस उपकरण से संबंध रखनेवाल्षा
फल पहली बार लिखा गया दे ।
यह केवल संयोग की बात है कि जनवरी ४ श्र
8 दोनोंके लिए योग३ एकह़ी ( अर्थात् ३७१” ) श्राया
जिससे जनवरी ध्से लेकर जनवरी &तक के प्रत्येक दिनके
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rakesh jain
at 2020-11-28 15:45:42