समयसार | Samayasaar
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
270
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(१)
घेदिचु सब्वसिद्ध धुवमचलमणोवम गई पत्ते
चोच्छापि समयपाहुडपिणमों सुयकेवलीमाणियं ॥।
'्याचाय कहते हैं; में भ्रूव अयल 'र अनुपम इन तीन
विशेषशोकरर युक्त गनीकों प्राप्त हुए ऐसे सब्र सिद्धोंकों नमस्कार कर
हे भत्यों श्रूतफेयलियोंकर के हुए इस समयसार नामा म्राभ्नत को
की
कह्दूंगा ।
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